क्या मेलाटोनिन नींद और स्वास्थ्य का सुपरस्टार हार्मोन है? रिसर्च क्या कहती है?

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क्या मेलाटोनिन नींद और स्वास्थ्य का सुपरस्टार हार्मोन है? रिसर्च क्या कहती है?

सारांश

क्या आप जानते हैं कि मेलाटोनिन केवल नींद का हार्मोन नहीं है? यह स्वास्थ्य के कई पहलुओं में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस लेख में हम जानेंगे मेलाटोनिन के बारे में नई जानकारियों और शोधों को।

Key Takeaways

  • मेलाटोनिन नींद के लिए आवश्यक है।
  • यह एंटीऑक्सीडेंट के रूप में भी कार्य करता है।
  • सप्लीमेंट्स जेट लैग में सहायक होते हैं।
  • गर्भवती महिलाओं को डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
  • प्राकृतिक स्तर बढ़ाने के लिए सरल उपाय अपनाने चाहिए।

नई दिल्ली, 17 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। मेलाटोनिन एक प्राकृतिक हार्मोन है जिसे हमारा मस्तिष्क, विशेष रूप से पीनियल ग्रंथि, अंधेरे में उत्पन्न करता है। इसे अक्सर "नींद का हार्मोन" कहा जाता है क्योंकि यह हमारे स्लीप-वेक सायकल यानी नींद-जागने की लय (सर्केडियन रिदम) को नियंत्रित करता है।

पिछले कुछ वर्षों में मेलाटोनिन पर वैश्विक स्तर पर गहन वैज्ञानिक अध्ययन हुए हैं, जो इसकी विशेषताओं और आवश्यकताओं पर जोर देते हैं। अब तो इसके सप्लीमेंट्स भी बाजार में उपलब्ध हैं।

अमेरिका की नेशनल स्लीप फाउंडेशन के एक अध्ययन के अनुसार, मेलाटोनिन की थोड़ी मात्रा (0.5 से 3 मिलीग्राम) उन लोगों की नींद सुधारने में मदद करती है जिन्हें नींद आने में कठिनाई होती है या जो जेट लैग से जूझ रहे होते हैं। ये अध्ययन यह बताता है कि मेलाटोनिन नींद में आ रहे व्यवधान को रोकता है और नींद की गुणवत्ता में सुधार लाता है।

जिन लोगों को लंबी हवाई यात्राएं करनी पड़ती हैं या जो रात की शिफ्ट में काम करते हैं, उनके स्लीप सायकल पर बुरा असर पड़ता है। रिसर्च से पता चला है कि मेलाटोनिन सप्लिमेंट लेने से जेट लैग के लक्षणों को कम किया जा सकता है और शिफ्ट वर्कर्स को बेहतर नींद मिल सकती है।

मेलाटोनिन केवल नींद के लिए ही नहीं, बल्कि एंटीऑक्सीडेंट के रूप में भी कार्य करता है। यह शरीर में फ्री रेडिकल्स को न्यूट्रल करता है, जो कैंसर, हृदय रोग और उम्र बढ़ने से जुड़ी बीमारियों के लिए जिम्मेदार माने जाते हैं। 2020 के एक अध्ययन के अनुसार, मेलाटोनिन का उपयोग कुछ न्यूरोलॉजिकल रोगों जैसे अल्जाइमर और पार्किंसन से जूझने में भी किया जाता है।

2020-2021 के दौरान कोविड-19 महामारी के दौरान मेलाटोनिन को एक सपोर्टिव थैरेपी के रूप में जांचा गया। कुछ प्रारंभिक शोधों में यह सुझाव दिया गया कि मेलाटोनिन इंफ्लेमेशन को कम कर सकता है और इम्यून सिस्टम को मॉड्यूलेट करता है, जिससे यह कोविड से लड़ने में सहायक हो सकता है।

सामान्यतः मेलाटोनिन सुरक्षित माना जाता है, विशेषकर अल्पकालिक उपयोग में। लेकिन इसके कुछ संभावित साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, जैसे सिरदर्द, चक्कर आना, दिन में नींद आना और मूड में बदलाव भी इसमें शामिल हैं।

गर्भवती महिलाएं, स्तनपान कराने वाली माताएं, या जो दवाइयां ले रहे हैं—उन्हें मेलाटोनिन सप्लीमेंट लेने से पहले डॉक्टर की राय लेना जरूरी है।

सबसे महत्वपूर्ण बात, अगर आप सप्लीमेंट्स में विश्वास नहीं करते हैं तो कुछ सरल उपायों से आप शरीर में इसका प्राकृतिक स्तर बढ़ा सकते हैं, जैसे रात में कमरे की रोशनी कम रखें। खासकर मोबाइल और लैपटॉप की नीली रोशनी को जितना दूर रखते हैं उतना अच्छा। सूरज की रोशनी में समय बिताने से शरीर का सर्केडियन रिदम सुधरता है। रात को सोने से पहले हैवी मील और कैफीन का सेवन न करें और सोने का समय निश्चित करें।

मेलाटोनिन केवल एक हार्मोन नहीं है, बल्कि शरीर की एक अद्भुत जैविक घड़ी का हिस्सा है। रिसर्च बताती है कि यह न केवल नींद को बेहतर करता है बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

Point of View

मेलाटोनिन के बारे में जो जानकारी सामने आ रही है, वह इसे एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य घटक के रूप में उभरने में मदद कर रही है। इसके उपयोग और संभावित लाभों पर गहन शोध जारी है, जो हमारे स्वास्थ्य को समझने में एक नया दृष्टिकोण प्रदान कर सकता है।
NationPress
17/09/2025

Frequently Asked Questions

मेलाटोनिन क्या है?
मेलाटोनिन एक प्राकृतिक हार्मोन है जो नींद को नियंत्रित करता है।
क्या मेलाटोनिन सप्लीमेंट्स सुरक्षित हैं?
सामान्यतः, मेलाटोनिन सप्लीमेंट्स अल्पकालिक उपयोग में सुरक्षित माने जाते हैं।
क्या गर्भवती महिलाएं मेलाटोनिन ले सकती हैं?
गर्भवती महिलाओं को मेलाटोनिन सप्लीमेंट लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
मेलाटोनिन के क्या साइड इफेक्ट्स हैं?
साइड इफेक्ट्स में सिरदर्द, चक्कर आना और मूड में बदलाव शामिल हो सकते हैं।
मेलाटोनिन का प्राकृतिक स्तर कैसे बढ़ाएं?
कमरे की रोशनी कम करना और सूरज की रोशनी में समय बिताना मददगार हो सकता है।