क्या पान के पत्ते एंटी-बैक्टीरियल और सेहत के लिए फायदेमंद हैं?

सारांश
Key Takeaways
- पान के पत्ते में स्वास्थ्यवर्धक गुण होते हैं।
- यह एंटी-बैक्टीरियल प्रभाव डालता है।
- पाचन क्रिया को सुधारने में सहायक है।
- इसमें विटामिन सी और एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं।
- घर में इसे उगाना आसान है।
नई दिल्ली, 6 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय संस्कृति में पान का पत्ता शुभता, औषधीय गुणों और हमारी परंपरा का प्रतीक है। चाहे कोई पूजा-पाठ हो, शादी-ब्याह या फिर कोई धार्मिक आयोजन... हर शुभ मौके पर पान का पत्ता महत्वपूर्ण होता है। विज्ञान और आयुर्वेद भी इसके गुणों को मान्यता देते हैं। इसके पत्तों में मौजूद औषधीय गुणों से शरीर को कई प्रकार के लाभ मिलते हैं।
अमेरिकन नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, पान के पत्ते में प्राकृतिक रूप से एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। कई शोधों में यह पाया गया है कि पान का पत्ता कुछ हद तक कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को रोकने में सहायक हो सकता है। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। वहीं आयुर्वेद में इसका उपयोग सर्दी-जुकाम, खांसी, गले की खराश और मुंह की दुर्गंध जैसी सामान्य समस्याओं में सदियों से किया जा रहा है।
इसके अलावा, पान के पत्तों का उपयोग पाचन क्रिया को सुधारने के लिए भी किया जाता है, क्योंकि यह पेट की अम्लता को नियंत्रित करता है और गैस या अपच जैसी समस्याओं को कम करता है।
पान के पत्ते चबाने से मुंह की बदबू दूर होती है और सांसों को ताजगी मिलती है, क्योंकि इसके एंटी-बैक्टीरियल गुण मुंह के जीवाणुओं को कम करते हैं। यह गुण पान को भोजन के बाद एक प्राकृतिक माउथ फ्रेशनर बनाता है।
पान के पत्तों में पाए जाने वाले विटामिन सी और अन्य एंटीऑक्सिडेंट्स शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करते हैं।
पान की बेल को घर में लगाना बेहद आसान है, क्योंकि इसकी बेल को ज्यादा तेज धूप पसंद नहीं होती। यह बालकनी, बरामदे, या घर की किसी छायादार दीवार के पास आसानी से लगाई जा सकती है। इसकी बेल धीरे-धीरे बढ़ती है और रेलिंग या दीवार पर फैलकर घर को एक सुंदर प्राकृतिक सजावट भी देती है। इसे बीज से नहीं बल्कि बेल की टहनी से उगाया जाता है। 5-6 इंच लंबी टहनी को हल्की नमी वाली मिट्टी में लगाएं, जिसमें गोबर की खाद या कंपोस्ट मिला हो, और पानी दें। ध्यान रहे कि गर्मियों में इसे सीधी धूप से बचाएं और पत्तों पर हल्की स्प्रे करते रहें ताकि नमी बनी रहे। सर्दियों में पानी कम दें, लेकिन मिट्टी को पूरी तरह सूखने भी न दें। अगर पत्तों पर कीड़े लग जाएं तो नीम के पानी या घरेलू कीटनाशक छिड़क दें।