क्या पाकिस्तान का केपी डेंगू से गंभीर स्थिति का सामना कर रहा है? पीड़ितों की संख्या साढ़े तीन हजार के पार!

सारांश
Key Takeaways
- डेंगू और चिकनगुनिया का प्रकोप खैबर पख्तूनख्वा में बढ़ रहा है।
- पेशावर उच्च न्यायालय में स्वास्थ्य अधिकारियों के खिलाफ याचिका दायर की गई है।
- स्वच्छता की कमी और मच्छरों के प्रजनन के कारण स्वास्थ्य खतरे बढ़ रहे हैं।
- अब तक 3,500 से अधिक डेंगू के मामले सामने आ चुके हैं।
- स्वास्थ्य विभाग को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।
पेशावर, 19 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। खैबर पख्तूनख्वा में डेंगू और चिकनगुनिया तेजी से बढ़ रहे हैं। प्रांतीय स्वास्थ्य अधिकारियों की लापरवाही और प्रभावी निवारक उपायों की कमी के खिलाफ पेशावर उच्च न्यायालय (पीएचसी) में एक याचिका दायर की गई है।
याचिका में खैबर पख्तूनख्वा के स्वास्थ्य सचिव, स्वास्थ्य महानिदेशक और पेशावर के आयुक्त को प्रतिवादी बनाया गया है। इसमें शहरी क्षेत्रों में खराब स्वच्छता व्यवस्था और कचरे के भंडारण के कारण मच्छरों के अनियंत्रित प्रजनन से बढ़ते जन स्वास्थ्य खतरों का जिक्र है, और अदालत से हस्तक्षेप की अपील की गई है।
इस याचिका के अनुसार, इस प्रकोप के कारण कई लोग पहले ही अपनी जान गंवा चुके हैं, और समन्वित प्रतिक्रिया के अभाव में और भी मौतें हो सकती हैं। याचिकाकर्ता का कहना है कि बार-बार जनता की शिकायतों के बावजूद, संबंधित संस्थानों द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।
याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण का अधिकार पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 9ए के तहत संरक्षित है, और अदालत से आग्रह किया गया है कि वह आपातकालीन फॉगिंग अभियान, मच्छरों को भगाने के कार्यक्रम और इन बीमारियों से प्रभावित लोगों के लिए मुफ्त इलाज का आदेश दे।
पाकिस्तानी मीडिया हाउस 'हम न्यूज' के अनुसार, पूरे प्रांत में डेंगू की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि खैबर पख्तूनख्वा में डेंगू के पुष्ट मामलों की संख्या अब 3,500 को पार कर चुकी है।
इससे पहले रिपोर्ट आई थी कि खैबर पख्तूनख्वा में एक ही दिन में 70 से अधिक नए डेंगू के मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय की एकीकृत रोग निगरानी प्रणाली (आईडीएसआरएस) की रिपोर्ट में कहा गया है कि एक दिन में 27 नए मरीजों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जिससे वर्तमान में इलाज करवा रहे डेंगू के मरीजों की संख्या 51 हो गई है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस साल अब तक पूरे प्रांत में प्रयोगशाला द्वारा पुष्टि किए गए 3,582 मामले सामने आए हैं। इनमें से 1,474 मरीज अस्पताल में भर्ती हैं, 3,314 ठीक हो चुके हैं, जबकि दो की मौत हो गई है।