क्या रात का हेल्थ बूस्टर है दूध? जानें सर्दी में कैसे करता है स्वास्थ्य की पूरी देखभाल
सारांश
Key Takeaways
- दूध नींद में सुधार करता है।
- सर्दियों में दूध का सेवन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।
- दूध में हल्दी या जायफल मिलाने से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- दूध हड्डियों को मजबूत बनाता है।
- दूध त्वचा को निखारता है।
नई दिल्ली, 6 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। घर के बड़े बुजुर्गों का हमेशा मानना रहा है कि रात में दूध पीकर सोना चाहिए। परंतु, रात में दूध का सेवन करने का सही कारण क्या है? आयुर्वेद के अनुसार, रात का समय दूध का सेवन स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी होता है। यह नींद में सुधार लाने और शरीर की मरम्मत में आवश्यक ऊर्जा को बढ़ाने में मदद करता है। इसलिए, रात में लिया गया दूध अमृत के समान माना जाता है।
दूध में ट्रिप्टोफैन, कैल्शियम, विटामिन्स, प्रोटीन और अच्छे फैट होते हैं, जो शरीर को नई ऊर्जा से भर देते हैं। यह अच्छी नींद में मदद करता है, शरीर को संतुलित करता है, ओज बढ़ाता है और दिल तथा दिमाग को गहराई से शांत करता है। सर्दी के मौसम में, अगर आप रात में दूध का सेवन करते हैं, तो आपको कई स्वास्थ्य लाभ मिलेंगे।
सर्दी में वात बढ़ने से नींद में परेशानी होती है। इसके लिए दूध में हल्दी या जायफल मिलाकर सेवन करें। इससे शरीर में मेलाटोनिन और सेरोटोनिन का स्तर बढ़ता है, जो मानसिक तनाव को कम करता है। इससे गहरी नींद आती है और सुबह आप दोगुनी ऊर्जा के साथ उठते हैं।
दूध का सेवन हड्डियों और जोड़ों को मजबूत बनाता है। इसमें कैल्शियम, प्रोटीन और थोड़ी मात्रा में विटामिन डी होता है, जो मांसपेशियों और हड्डियों को नई ऊर्जा प्रदान करता है। कंधे और कमर के दर्द में भी राहत मिलती है। इसके लिए, दूध में एक चुटकी अजवाइन मिलाकर पीना फायदेमंद रहता है।
दूध त्वचा के लिए भी बहुत फायदेमंद है। दूध के सेवन से चेहरे पर ओज बढ़ता है। इसके लिए दूध में केसर मिलाकर लें। इससे कोलेजन बढ़ता है, त्वचा की रूखापन कम होती है और यह मुलायम बनती है। यदि शरीर में थकान और कमजोरी बनी रहती है, तो रात में दूध में इलायची और मिश्री मिलाकर लें। इससे शरीर को ऊर्जा मिलती है और यह सक्रिय रहता है। इलायची और मिश्री के सेवन से पेट साफ रहता है और पाचन क्रिया तेज होती है।
यदि आपको ब्लड शुगर की समस्या है, तो बिना हल्दी वाला दूध पिएं। इसमें कोई मीठा न डालें। इससे शरीर में शर्करा का स्तर नियंत्रित रहेगा और इंसुलिन नहीं बढ़ेगा।