क्या रात की नींद पूरी नहीं हो रही? जानिए कैसे यह आदत आपको बीमार बना सकती है

सारांश
Key Takeaways
- रोज़ाना 7 से 8 घंटे की नींद आवश्यक है।
- नींद की कमी से मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है।
- दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ता है।
- भूख बढ़ाने वाले हार्मोन सक्रिय होते हैं।
- त्वचा की सेहत भी प्रभावित होती है।
नई दिल्ली, 9 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। कामयाबी की दौड़ में अक्सर लोग सोचते हैं कि नींद को कम करना फायदेमंद है। रात के दो या तीन बजे तक काम करते रहना सामान्य हो गया है, और सुबह अलार्म की आवाज़ सुनने के बाद वही थकान और चिड़चिड़ापन शुरू होता है। विज्ञान और आयुर्वेद दोनों मानते हैं कि नींद की कमी सेहत को प्रभावित करती है।
आयुर्वेद में नींद को जीवन के तीन महत्वपूर्ण स्तंभों में गिना गया है। जैसे भोजन और संयम आवश्यक हैं, वैसे ही निद्रा भी शरीर और मन के लिए आवश्यक है। विज्ञान भी पुष्टि करता है कि हर व्यक्ति को रोज़ कम से कम 7 से 8 घंटे की गहरी नींद की आवश्यकता होती है, जिससे शरीर अपनी मरम्मत करता है, हार्मोन का संतुलन ठीक करता है, और नई ऊर्जा जुटाता है।
नींद की कमी का असर सबसे पहले हमारे दिमाग और दिल पर पड़ता है। कम नींद से सोचने की क्षमता घटती है, चिड़चिड़ापन बढ़ता है, और ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो जाता है।
इसके साथ ही, नींद की कमी तनाव और चिंता को बढ़ाती है, जो धीरे-धीरे गंभीर मानसिक समस्याओं जैसे डिप्रेशन का कारण बन सकती है।
शरीर के अन्य अंग भी प्रभावित होते हैं। जैसे ही नींद कम होती है, ब्लड प्रेशर बढ़ता है और धड़कन असंतुलित हो जाती है। इससे दिल की बीमारियों और स्ट्रोक का जोखिम बढ़ जाता है। इसके अलावा, इंसुलिन पर भी असर पड़ता है, जिससे टाइप-2 डायबिटीज का खतरा बढ़ता है।
नींद की कमी से भूख भी बढ़ती है। थकान के कारण शरीर ज्यादा ऊर्जा की मांग करता है, जिससे भूख बढ़ाने वाले हार्मोन सक्रिय हो जाते हैं। इससे वजन तेजी से बढ़ता है और मोटापे से जुड़ी समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
साथ ही, रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कमजोर होती है, जिससे आप बार-बार बीमार पड़ने लगते हैं।
नींद की कमी से त्वचा भी बेजान लगने लगती है, आँखों के नीचे काले घेरे आ जाते हैं और चेहरे पर समय से पहले झुर्रियां दिखाई देने लगती हैं।