क्या युवाओं को डायबिटीज के बढ़ते खतरे का पता है?

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क्या युवाओं को डायबिटीज के बढ़ते खतरे का पता है?

सारांश

हालिया अध्ययन से पता चला है कि युवाओं में डायबिटीज के प्रति जागरूकता की कमी एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। क्या आप जानते हैं कि कितने युवा इस बीमारी से अनजान हैं? जानिए इस अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष और इससे जुड़े खतरों के बारे में।

Key Takeaways

  • 44 प्रतिशत युवा डायबिटीज से अनजान हैं।
  • 15 से 39 वर्ष के आयु वर्ग में निदान की दर सबसे कम है।
  • 2050 तक 1.3 अरब लोग डायबिटीज से प्रभावित हो सकते हैं।
  • 91 प्रतिशत लोग दवा या उपचार ले रहे हैं, लेकिन केवल 42 प्रतिशत का स्तर नियंत्रित है।
  • स्क्रीनिंग कार्यक्रमों में निवेश की आवश्यकता है।

नई दिल्ली, 9 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। युवाओं में डायबिटीज के प्रति जागरूकता की कमी विश्व स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर संकट का संकेत दे रही है। प्रसिद्ध मेडिकल जर्नल द लैंसेट डायबिटीज एंड एंडोक्रिनोलॉजी में प्रकाशित एक नए अध्ययन के अनुसार, बड़ी संख्या में युवा वयस्कों को यह नहीं पता है कि वे डायबिटीज का शिकार हैं। यह स्थिति स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरा बन सकती है।

वॉशिंगटन विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन (आईएचएमई) द्वारा किए गए वैश्विक अध्ययन में 2000 से 2023 तक 204 देशों और क्षेत्रों के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया।

रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में 15 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लगभग 44 प्रतिशत डायबिटीज पीड़ितों को इसकी जानकारी नहीं थी। हालांकि, यह आंकड़ा 2000 के मुकाबले बेहतर है, जब 53 प्रतिशत लोग इससे अनजान थे। लेकिन जागरूकता की दर अभी भी बेहद कम है।

चिंता का विषय यह है कि 15 से 39 वर्ष के आयु वर्ग में निदान की दर सबसे कम पाई गई। इस आयु वर्ग में केवल 26 प्रतिशत लोगों को ही डायबिटीज का पता चल पाया, जबकि इस उम्र में बीमारी की पहचान न होने से गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं।

आईएचएमई की मुख्य लेखिका लॉरेन स्टैफोर्ड ने कहा, "अगर यही स्थिति रही तो 2050 तक 1.3 अरब लोग डायबिटीज से ग्रसित हो सकते हैं, जिनमें से लगभग आधे को इसकी जानकारी भी नहीं होगी। यह एक चुपचाप फैलने वाली महामारी बन सकती है।"

रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि जिन लोगों को डायबिटीज का पता चल चुका है, उनमें से 91 प्रतिशत लोग किसी न किसी प्रकार की दवा या चिकित्सा उपचार ले रहे हैं, जो एक सकारात्मक संकेत है। लेकिन चिंता की बात यह है कि उनमें से केवल 42 प्रतिशत का ब्लड शुगर लेवल सही तरीके से नियंत्रित है।

क्षेत्रीय स्तर पर स्थिति असमान है। उच्च आय वाले देशों में निदान की दर सबसे अधिक है, वहीं एशिया-पैसिफिक देशों में निदान के बाद इलाज की दर सबसे बेहतर पाई गई। दक्षिण लैटिन अमेरिका में जिन लोगों को इलाज मिल रहा है, उनमें से सबसे ज्यादा लोग अपना ब्लड शुगर अच्छे से नियंत्रित रख पा रहे हैं।

इसके विपरीत, मध्य उप-सहारा अफ्रीका में केवल 20 प्रतिशत से भी कम लोग जानते हैं कि उन्हें डायबिटीज है, जो बेहद चिंताजनक स्थिति है।

शोध इस बात पर जोर देता है कि तेजी से बढ़ते डायबिटीज मामलों को देखते हुए खासतौर पर युवाओं के लिए स्क्रीनिंग कार्यक्रमों में निवेश की आवश्यकता है। साथ ही, सभी क्षेत्रों, विशेषकर निम्न और मध्यम आय वाले देशों में दवाइयों और ग्लूकोज मॉनिटरिंग उपकरणों की सुलभता सुनिश्चित की जानी चाहिए।

Point of View

यह स्पष्ट है कि डायबिटीज के मामलों में वृद्धि केवल स्वास्थ्य का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह हमारे समाज और अर्थव्यवस्था पर एक बड़ा बोझ डाल सकता है। हमें इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है और युवाओं के लिए जागरूकता बढ़ाने के कार्यक्रमों का समर्थन करना चाहिए।
NationPress
09/09/2025

Frequently Asked Questions

डायबिटीज क्या है?
डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर इंसुलिन का सही तरीके से उपयोग नहीं कर पाता है।
डायबिटीज के लक्षण क्या हैं?
अधिक प्यास, बार-बार पेशाब आना, थकान, और भूख लगना इसके सामान्य लक्षण हैं।
क्या डायबिटीज नियंत्रित किया जा सकता है?
हां, खान-पान और व्यायाम से डायबिटीज को नियंत्रित किया जा सकता है।
क्या युवाओं में डायबिटीज आम है?
हाल के अध्ययन से पता चला है कि युवाओं में डायबिटीज का मामला तेजी से बढ़ रहा है।
डायबिटीज के लिए कौन से टेस्ट कराए जाने चाहिए?
ब्लड शुगर लेवल, HbA1c टेस्ट और ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट कराए जाने चाहिए।