क्या सर्दी में खांसी और गले की खराश से राहत पाने का आसान उपाय मुलेठी है?
सारांश
Key Takeaways
- मुलेठी गले की समस्याओं में राहत देती है।
- सर्दियों में इम्यूनिटी को बढ़ाने में सहायक।
- गैस, अपच और एसिडिटी में लाभकारी।
- आसान सेवन विधि।
- डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है।
नई दिल्ली, 19 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। सर्दियों का मौसम अपने आगमन के साथ ही गले में खराश, लगातार खांसी, बलगम और आवाज बैठने जैसी समस्याओं को लेकर आई है। इन समस्याओं से राहत पाने के लिए आयुर्वेद में मुलेठी को अत्यंत लाभकारी माना जाता है।
मुलेठी में औषधीय गुण होते हैं, जो सूखी और बलगम वाली खांसी दोनों में राहत प्रदान करते हैं। भारत सरकार का आयुष मंत्रालय सर्दियों में मुलेठी को सबसे प्रभावी और सुरक्षित घरेलू नुस्खा मानता है, जिसे आयुर्वेद में यष्टिमधु भी कहा जाता है। सदियों से इसे गले और फेफड़ों का सबसे अच्छा साथी माना गया है।
मुलेठी में मौजूद ग्लाइसिर्राइजिन तत्व गले की सूजन को कम करता है, बलगम को पतला करके निकालता है और खांसी में तात्कालिक राहत देता है। यह पाचन तंत्र को भी मजबूत करता है, जिससे अपच, गैस, एसिडिटी और कब्ज जैसी समस्याएं दूर रहती हैं। एक अच्छा पाचन रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है, जिससे सर्दी-खांसी जल्दी ठीक होती है।
मुलेठी से निरंतर आने वाली सूखी और बलगमी खांसी में तात्कालिक राहत मिलती है, साथ ही यह गले की जलन, खराश और आवाज बैठने की समस्याओं को भी ठीक करती है। यह पेट की एसिडिटी, गैस, अपच और अल्सर में भी फायदेमंद है और इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करती है।
मुलेठी का उपयोग करना बहुत सरल है। एक छोटी मुलेठी की डंडी को रात में पानी में भिगो दें, सुबह चबाकर खाएं और फिर पानी पी लें। मुलेठी पाउडर को शहद के साथ लेना भी खांसी में तात्कालिक राहत देता है। इसके अलावा, मुलेठी, अदरक और तुलसी की चाय भी लाभकारी होती है। मुलेठी की डंडी को मुंह में रखकर चूसना भी खांसी में राहत देता है।
हर दिन थोड़ी मात्रा में मुलेठी का सेवन सर्दी-जुकाम और खांसी से बचने का एक प्रभावी तरीका है। हालांकि, हाई ब्लड प्रेशर या किसी भी प्रकार की एलर्जी से ग्रसित लोगों को डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है।