क्या सर्दियों में मांसपेशियों की जकड़न और जोड़ों में दर्द से राहत के लिए काली मिर्च का उपयोग करें?
सारांश
Key Takeaways
- काली मिर्च में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं।
- यह सर्दियों में शरीर को गर्म रखती है।
- काली मिर्च का अदरक के साथ उपयोग लाभकारी है।
- शहद के साथ काली मिर्च खांसी में राहत देती है।
- मांसपेशियों के दर्द में तिल के तेल का उपयोग करें।
नई दिल्ली, 20 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। आपके किचन में पाई जाने वाली काली मिर्च का उपयोग आमतौर पर खाद्य सामग्री में स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है। इसे केवल एक मसाले के रूप में नहीं देखा जाता, क्योंकि काली मिर्च एक शक्तिशाली आयुर्वेदिक औषधि भी है।
सर्दी के मौसम में, यह न केवल शरीर को गर्म रखने में सहायक होती है, बल्कि मौसमी संक्रमणों से भी सुरक्षा प्रदान करती है। हालांकि, इसे किसके साथ लेना चाहिए, यह जानना आवश्यक है।
काली मिर्च में एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटीबैक्टीरियल, पाइपेरिन और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो इसे औषधीय बनाते हैं। आयुर्वेद में इसे मरीच कहा जाता है, जो वात और कफ दोष को संतुलित करने में मदद करती है। जब ये दोष संतुलित होते हैं, तो सर्दियों में होने वाली समस्याएं कम होती हैं और पाचन बेहतर होता है।
अगर आपको सर्दी और खांसी की समस्या है, तो काली मिर्च को शहद के साथ लेना फायदेमंद होता है। इसके लिए 4 से 5 काली मिर्च को पीसकर, हल्का गर्म शहद मिलाकर सेवन करें। इससे सूखी और कफ वाली खांसी दोनों में राहत मिलती है और प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।
सर्दियों में कुछ लोगों के हाथ और पैर ठंडे रहते हैं। ऐसे में अदरक और काली मिर्च का सेवन करना फायदेमंद है। इसे चाय में मिलाकर या अदरक और काली मिर्च का पानी बनाकर पी सकते हैं। यह शरीर को अंदर से गर्म रखता है और गले में जमा कफ को कम करता है।
तुलसी, काली मिर्च और अदरक का काढ़ा भी सर्दियों में राहत पहुंचाता है। यह वायरल फीवर और जुखाम से मुकाबला करने में मदद करता है। काली मिर्च के एंटी-बैक्टीरियल गुण बैक्टीरियल संक्रमणों से लड़ने में सहायक होते हैं, और यह बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी के लिए लाभकारी है।
सर्दियों में मांसपेशियों में जकड़न और जोड़ों में दर्द की समस्या बढ़ जाती है। ऐसे में, काली मिर्च के साथ तिल का तेल गर्म करके दर्द वाली जगह पर लगाने से आराम मिलता है। यह तेल स्वाभाविक रूप से गर्माहट प्रदान करता है और सूजन कम करता है।
ठंडी हवाओं के कारण गले में बैक्टीरियल संक्रमण बढ़ सकता है और आवाज कर्कश हो जाती है। ऐसे में भुनी हुई काली मिर्च का सेवन करने से लाभ होता है। यह टॉन्सिल की समस्या में भी राहत दिलाती है।