क्या पेट की सफाई के लिए त्रिफला सबसे असरदार है?
सारांश
Key Takeaways
- त्रिफला पाचन तंत्र की सफाई करता है।
- यह कब्ज और गैस को कम करता है।
- इसमें मौजूद फ्लावोनॉइड्स पेट की सूजन को कम करते हैं।
- रात को दूध के साथ लेने पर इसका प्रभाव बढ़ता है।
- यह आंतरिक अंगों को स्वस्थ रखता है।
नई दिल्ली, 19 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। वर्तमान की भागदौड़ भरी जिंदगी में जंक फूड, अनियमित आहार और तनाव हमारे पाचन तंत्र को गंभीर नुकसान पहुंचाते हैं। इस स्थिति में, आयुर्वेद का एक प्राचीन तत्व 'त्रिफला' हमारे स्वास्थ्य के लिए एक अमूल्य उपहार हो सकता है।
त्रिफला का अर्थ है तीन फलों का संयोजन - आंवला, हरड़ और बहेड़ा। इन तीनों का संगम न केवल स्वाद में अद्भुत है, बल्कि यह पेट और पाचन तंत्र की सफाई और मजबूती में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
वैज्ञानिकों के अनुसार, आंवला विटामिन सी का एक अनमोल स्रोत है। यह हमारे इम्यून सिस्टम को सशक्त बनाता है और पेट में सूजन तथा संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। जब आंवला त्रिफला का हिस्सा बनता है, तो यह शरीर को प्राकृतिक तरीके से साफ रखने में सहायता करता है।
हरड़ कड़वा स्वाद लिए हुए है, लेकिन यह आंतों में जमा गंदगी और विषैले तत्वों को बाहर निकालने का कार्य करता है। यह कब्ज और गैस की समस्याओं को तेजी से कम करता है। वहीं, बहेड़ा का स्वाद थोड़ा खट्टा और कड़वा है और यह पेट में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया और सूक्ष्मजीवों को समाप्त करता है। इसके सेवन से आंतों की सफाई होती है और पाचन तंत्र मजबूत होता है।
वैज्ञानिक अनुसंधान के अनुसार, त्रिफला में पाए जाने वाले फ्लावोनॉइड्स और एंटीऑक्सीडेंट्स पेट की सूजन को कम करते हैं, आंतों में स्वस्थ बैक्टीरिया को बढ़ाते हैं और शरीर से हानिकारक टॉक्सिन्स को निकालने में मदद करते हैं। इसीलिए, यदि इसे नियमित रूप से लिया जाए, तो कब्ज, गैस, और पेट दर्द जैसी समस्याएं कम हो जाती हैं।
इसे पाउडर के रूप में पानी के साथ लिया जा सकता है, या रात में दूध में घोलकर भी पिया जा सकता है। आयुर्वेद में इसे अमृत के समान माना जाता है, क्योंकि दूध के साथ लेने पर त्रिफला की शक्ति बढ़ती है और यह पाचन शक्ति को और भी मजबूत करता है।
बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, हर आयु वर्ग के लोग इसका सेवन कर सकते हैं। यह न केवल पेट की सफाई करता है, बल्कि आंतरिक अंगों को भी स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। आयुर्वेद के अनुसार, त्रिफला शरीर के तीनों दोष - वात, पित्त और कफ को संतुलित करता है, जिससे शरीर स्वस्थ रहता है।