क्या मध्य प्रदेश में साक्षी विकास यात्रा की अपार संभावनाएं हैं? : मंगुभाई पटेल
सारांश
Key Takeaways
- मध्य प्रदेश में विकास यात्रा की अपार संभावनाएं हैं।
- आसियान देशों के साथ सांस्कृतिक और व्यापारिक सहयोग की आवश्यकता है।
- राज्यपाल पटेल ने निवेश और विकास के लिए अनुकूल वातावरण की बात की।
- मध्य प्रदेश को भारत का हृदय माना जाता है।
- प्रदेश में 11 एग्रो क्लाइमेटिक जोन हैं।
भोपाल, 19 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि मध्य प्रदेश के साथ साझी विकास यात्रा की असाधारण संभावनाएं हैं। भारत और आसियान देश साझा सभ्यता वाले क्षेत्र हैं। मध्य प्रदेश और आसियान देशों के बीच सांस्कृतिक आत्मीयता, व्यापारिक समानता और सहयोग की संभावनाएं अत्यंत मजबूत हैं।
राज्यपाल पटेल ने आसियान समिति से चर्चा करते हुए कहा कि दोनों क्षेत्रों के पास युवा जनसंख्या की ऊर्जा, नवाचार की क्षमता, विविध सांस्कृतिक विरासत और प्रकृति तथा विकास के प्रति समान संवेदनशील दृष्टिकोण मौजूद है। प्रदेश के साथ व्यापार, निवेश, पर्यटन, शिक्षा, कौशल विकास, स्वास्थ्य सेवाओं, ऊर्जा सुरक्षा और सतत विकास जैसे क्षेत्रों में दीर्घकालिक साझेदारियां करने की अनंत संभावनाएं हैं।
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में स्थिर, सुरक्षित और उद्योग अनुकूल वातावरण इस यात्रा को और अधिक अर्थपूर्ण बनाएगा। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने आसियान समिति के प्रतिनिधि मंडल से कहा कि भारत सरकार की एक्ट ईस्ट पॉलिसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी सोच का प्रतीक है। यह नीति भारत और दक्षिण पूर्व एशिया के साझा इतिहास, सांस्कृतिक जड़ों और भविष्य की समृद्ध साझेदारी को मजबूत करने का मार्ग है।
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के साथ व्यापारिक, निवेश, तकनीकी, सांस्कृतिक और मानवीय संबंधों में निरंतर वृद्धि से पारस्परिक रिश्ते मजबूत होंगे। नए अवसर उत्पन्न होंगे। हमारी सहभागिता आने वाले वर्षों में एक नए अधिक विकसित युग का निर्माण करेगी।
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार पारदर्शी नीतियों के साथ निवेशकों को सुरक्षा प्रदान करती है। इसी वर्ष प्रदेश में प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा 18 नवीन इन्वेस्टर फ्रेंडली नीतियां लॉन्च की गईं। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में मध्य प्रदेश देश के उत्कृष्ट सुधारक राज्यों में शामिल है। मध्य प्रदेश की जनता सरलता, परिश्रम, सहिष्णुता और सौहार्द की मिसाल है। मध्य प्रदेश को भारत का हृदय कहा जाता है, क्योंकि इस राज्य की धड़कनें भारत की संस्कृति, परंपराएं, प्रकृति, अध्यात्म, सामाजिक विविधता, आर्थिक क्षमता और आधुनिक विकास को समेटे हुए हैं।
उन्होंने प्रदेश के नगरों, भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर के विकास और पर्यावरणीय संतुलन को रेखांकित किया। राज्य में 11 एग्रो क्लाइमेटिक जोन होने के कारण इसे देश की “फूड बास्केट” कहते हैं। राज्यपाल पटेल ने आसियान समिति नई दिल्ली के प्रतिनिधियों को सांची की प्रतिकृति, स्मृति चिन्ह के रूप में भेंट की।