क्या बेंगलुरु में दिनदहाड़े करोड़ों रुपए की लूट हुई?
सारांश
Key Takeaways
- बेंगलुरु में दिनदहाड़े डकैती हुई है।
- 7.11 करोड़ रुपये लूटे गए हैं।
- डकैतों ने आरबीआई अधिकारी होने का दावा किया।
- पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
- सुरक्षा प्रबंधक ने कंट्रोल रूम पर सूचना दी।
बेंगलुरु, 20 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। कर्नाटक के बेंगलुरु में मंगलवार को अपराधियों ने एक बड़ी डकैती की घटना को अंजाम दिया। सीएमएस कैश वैन को जयनगर के अशोक स्तंभ के पास दिनदहाड़े रोककर करोड़ों रुपये लूट लिए गए। इस मामले में 47 वर्षीय विनोद चंद्रार द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई है।
शिकायतकर्ता विनोद चंद्रार ने बताया कि वह सीएमएस इनफो सिस्टम्स लिमिटेड, एचबीआर लेआउट, बेंगलुरु में शाखा प्रबंधक के रूप में कार्यरत हैं। कंपनी प्रतिदिन जेपी नगर, एमजी टावर, सरक्की मेन रोड, आईटीआई लेआउट स्थित एचडीएफसी बैंक से नकदी निकालती है और उसे बेंगलुरु के एचडीएफसी बैंक एटीएम में जमा करने के लिए अपने वाहन से पहुंचाती है।
10 नवंबर को सुबह करीब साढ़े नौ बजे, कस्टोडियन आफताब की निगरानी में कंपनी की गाड़ी ड्राइवर विनोद कुमार और गनमैन राजन्ना व तम्मय्या के साथ बैंक के लिए निकली। दोपहर करीब 12:24 बजे उन्होंने जेपी नगर 'एचडीएफसी करेंसी चेस्ट' से 7,11,00,000 रुपए (सात करोड़ ग्यारह लाख रुपये) निकाले, नकदी को डिब्बों में भरा और गाड़ी से निकले। जब शिकायतकर्ता और सीएमएस एफआईटी मैनेजर फारूक पाशा अपनी शाखा में मौजूद थे, तब ड्राइवर बिनोद कुमार ने फारूक पाशा को फोन किया और बताया कि जयनगर अशोक स्तंभ होते हुए लालबाग सिद्धपुरा गेट की ओर जाते समय एक इनौवा कार ने उनकी गाड़ी को रोक लिया।
कार से लगभग 5–6 लोग उतरे। उन लोगों ने खुद को आरबीआई से होने का दावा किया और उन्हें गाड़ी से बाहर निकलने को कहा। उन्होंने कस्टोडियन आफताब और गनमैन राजन्ना व तम्मय्या को अपनी इनौवा में बिठा लिया। इसके बाद ड्राइवर को अकेले ही कैश गाड़ी चलाने के लिए कहा। यह पता नहीं चल पाया है कि तीनों कर्मचारियों को कहां ले जाया गया।
बाद में पिस्तौल से लैस इन लोगों ने कथित तौर पर ड्राइवर को धमकाया और डेयरी सर्कल फ्लाईओवर पर गाड़ी से पूरे 7.11 करोड़ रुपए लूट लिए और फरार हो गए। शिकायतकर्ता ने तुरंत गाड़ी का जीपीआरएस चेक किया और पाया कि गाड़ी होसुर रोड, डेयरी सर्कल के पास है। उन्होंने इसकी जानकारी अन्य शाखा प्रबंधकों को दी। सुरक्षा प्रबंधक सैयद अहमद पाशा ने कंट्रोल रूम (112) पर कॉल करके मामले की सूचना दी। जांच करने पर पता चला कि गाड़ी का डीवीआर भी डकैत अपने साथ ले गए हैं।
शिकायतकर्ता ने पुलिस से उन अज्ञात व्यक्तियों की पहचान करने का अनुरोध किया है, जिन्होंने आरबीआई अधिकारी बनकर कर्मचारियों को बंदूक से धमकाया और कंपनी के टाटा योद्धा वाहन से 7.11 करोड़ रुपए लूट लिए। डकैतों पर कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है।