क्या रानी अहिल्याबाई का शासन रामराज्य का जीवंत स्वरूप था? - रेखा गुप्ता

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क्या रानी अहिल्याबाई का शासन रामराज्य का जीवंत स्वरूप था? - रेखा गुप्ता

सारांश

रानी अहिल्याबाई होल्कर की जन्म त्रिशताब्दी समारोह में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का विचार, उनके शासन की महत्ता और नारी-सशक्तिकरण की दिशा में भारत की प्रगति पर चर्चा। यह कार्यक्रम नई पीढ़ी को प्रेरित करने वाला है।

Key Takeaways

  • रानी अहिल्याबाई का शासन न्याय और करुणा का प्रतीक था।
  • महिला सशक्तिकरण की दिशा में भारत आगे बढ़ रहा है।
  • संस्कृति और भाषा को जीवंत बनाए रखने का प्रयास।
  • दिल्ली सरकार जनहित के कार्य कर रही है।
  • युवाओं को प्रेरित करने वाले कार्यक्रमों का महत्व।

नई दिल्ली, 19 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बुधवार को मंडी हाउस के निकट कोपरनिकस मार्ग पर स्थित एलटीजी सभागार में लोकमाता रानी अहिल्याबाई होल्कर की जन्म त्रिशताब्दी समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर एक प्रेरक नाट्य मंचन का आयोजन भी हुआ, जिसमें दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने भाग लिया।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "एलटीजी सभागार में लोकमाता रानी अहिल्याबाई होल्कर की जन्म त्रिशताब्दी के उपलक्ष्य में प्रस्तुत प्रेरक नाट्य मंचन देखना एक अविस्मरणीय अनुभव रहा। रानी अहिल्याबाई का शासन रामराज्य का जीवंत स्वरूप था, जहां न्याय, करुणा, लोककल्याण और सांस्कृतिक उत्थान एक साथ प्रवाहित होते थे। काशी विश्वनाथ, केदारनाथ, सोमनाथ, त्र्यंबकेश्वर, मथुरा और हरिद्वार जैसे असंख्य तीर्थस्थलों के पुनर्निर्माण के माध्यम से उन्होंने भारत की आत्मा को पुनः जागृत किया।"

उन्होंने आगे लिखा कि लोकमाता के नारी-सशक्तिकरण के मूल्यों को आज का भारत नई शक्ति, नए आत्मविश्वास और नए सम्मान के साथ आगे बढ़ा रहा है। दिल्ली सरकार का प्रयास है कि हमारी संस्कृति, हमारी भाषा, हमारा साहित्य और हमारा इतिहास पीढ़ियों को दिशा देने वाली जीवंत प्रेरक शक्ति बनकर आगे बढ़ें। हिन्दी अकादमी तथा कला, संस्कृति एवं भाषा विभाग को हार्दिक बधाई, जिन्होंने इस नाट्य मंचन को संभव बनाया।

दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री कपिल मिश्रा ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि लोकमाता रानी अहिल्याबाई होल्कर ने मंदिरों को लेकर जिस तरह से सिद्धांत रखा था, उसी दिशा में केंद्र सरकार भी काम कर रही है। अहिल्याबाई होल्कर ने मंदिरों का पुनर्निर्माण कराया था। केंद्र की मोदी सरकार भी मंदिरों का निर्माण करा रही है।

कपिल मिश्रा ने कहा, "भारत अब आत्मनिर्भर बन रहा है। महिला सशक्तिकरण पर काम किया जा रहा है। दिल्ली सरकार मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में जनहित के काम कर रही है। प्रदेश की जनता को इसका सीधा लाभ मिल रहा है कि नहीं, इसको भी देखा जा रहा है। जहां किसी कारण से लाभ नहीं मिल पा रहा है, उसे दूर किया जा रहा है।"

भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा कि मैं इस कार्यक्रम के लिए दिल्ली सरकार को धन्यवाद देती हूं, इस तरह के कार्यक्रम होने से आज के युवाओं को काफी सीख मिलने वाली है।

Point of View

बल्कि उनके द्वारा स्थापित मूल्यों और आज के भारत में उनके महत्व को भी उजागर करता है। नारी-सशक्तिकरण और संस्कृति के उत्थान में उनकी भूमिका को समझते हुए, आज की सरकारें भी उसी दिशा में कार्य कर रही हैं। यह एक सकारात्मक संकेत है कि हम अपने इतिहास से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ रहे हैं।
NationPress
19/11/2025

Frequently Asked Questions

रानी अहिल्याबाई का शासन किस प्रकार का था?
रानी अहिल्याबाई का शासन रामराज्य का जीवंत स्वरूप था, जिसमें न्याय, करुणा और लोककल्याण प्रमुख थे।
इस समारोह में किसने भाग लिया?
इस समारोह में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने भाग लिया और नाट्य मंचन का अवलोकन किया।
कपिल मिश्रा ने क्या कहा?
कपिल मिश्रा ने बताया कि अहिल्याबाई होल्कर के सिद्धांतों का अनुसरण करते हुए केंद्र सरकार मंदिरों का विकास कर रही है।
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