क्या सर्दियों में होंठों की नमी बनाए रखने के लिए घरेलू उपायों को अपनाना सही है?
सारांश
Key Takeaways
- शहद का उपयोग करें, यह होंठों को नर्म बनाता है।
- नारियल तेल से होंठों की प्राकृतिक रंगत लौटती है।
- दूध की मलाई रूखे होंठों को नमी देती है।
- खीरे का रस सूखापन दूर करने में मददगार है।
- प्राकृतिक उपायों का प्रयोग करना फायदेमंद है।
नई दिल्ली, 4 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। सर्दियों के मौसम में होंठों की नमी सूखने लगती है, जिससे वे फटने, छिलने और दर्द करने लगते हैं। इस स्थिति में लोग अक्सर बाजार से मिलने वाले लिप बाम या केमिकल वाले उत्पादों का सहारा लेते हैं, परंतु इनका प्रभाव लंबे समय तक नहीं रहता। आयुर्वेद के अनुसार, होंठों की देखभाल प्राकृतिक तत्वों से भी की जा सकती है। आयुर्वेद में 'रसधातु' यानी शरीर की नमी का विशेष महत्व बताया गया है। जब सर्दियों में शरीर की नमी घटने लगती है, तो इसका सबसे पहले असर होंठों पर दिखाई देता है, क्योंकि वहां तेल ग्रंथियां बहुत कम होती हैं। इस स्थिति में नमी को बनाए रखने के लिए प्राकृतिक तत्वों की आवश्यकता होती है।
शहद: आयुर्वेद में शहद को एक प्राकृतिक औषधि माना जाता है। इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल और मॉइस्चराइजिंग गुण फटे होंठों को राहत प्रदान करते हैं। रात में सोने से पहले हल्की परत में शहद होंठों पर लगाने से सुबह तक होंठ नरम महसूस होते हैं।
नारियल तेल: आयुर्वेद में नारियल तेल को शीतल गुणों से भरपूर माना गया है, जो शरीर को ठंडक और आराम देता है। दिन में दो-तीन बार हल्के हाथों से नारियल तेल लगाने से न केवल फटे होंठ ठीक होते हैं, बल्कि उनका प्राकृतिक गुलाबी रंग भी लौट आता है।
दूध की मलाई: घर में आसानी से मिलने वाली मलाई में मौजूद प्राकृतिक फैट्स और लैक्टिक एसिड होंठों के रूखेपन को दूर करने में मदद करते हैं। यह त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटाकर नई नमी लाते हैं। सोने से पहले मलाई की हल्की परत लगाने से रातभर में होंठों की खोई हुई नमी वापस आ जाती है।
खीरे का रस: खीरा प्राकृतिक रूप से हाइड्रेशन प्रदान करता है। आयुर्वेद के अनुसार, खीरा शरीर के पित्त को शांत करता है, जिससे जलन और सूजन कम होती है। दिन में एक-दो बार खीरे के रस को रुई से होंठों पर लगाने से सूखापन दूर होता है और होंठों की सतह फिर से मुलायम हो जाती है।