क्या सर्पगंधा है आयुर्वेद की शक्तिशाली औषधि, जो ब्लड प्रेशर, तनाव और अनिद्रा को दूर करती है?
सारांश
Key Takeaways
- सर्पगंधा का उपयोग कई स्वास्थ्य समस्याओं के लिए किया जाता है।
- इसकी जड़ में मौजूद रेसर्पीन ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है।
- सर्पगंधा का सेवन आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह से करना चाहिए।
- यह पौधा घर में आसानी से उगाया जा सकता है।
- सर्पगंधा अनिद्रा और तनाव को कम करने में सहायक है।
नई दिल्ली, 10 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। सर्पगंधा एक साधारण-सा पौधा होने के बावजूद, इसके भीतर छिपा है आयुर्वेदिक गुणों का एक अद्भुत खजाना। भारत, श्रीलंका और एशिया के विभिन्न क्षेत्रों में पाया जाने वाला यह पौधा, सदियों से आयुर्वेद में शांति देने वाली जड़ी-बूटी के रूप में जाना जाता है। इसके उपयोग से अनेक बीमारियों से मुक्ति मिल सकती है।
सर्पगंधा की जड़ में मौजूद रेसर्पीन शरीर में ब्लड प्रेशर को संतुलित करने में सहायक होता है। यह अनिद्रा, तनाव और चिंता जैसी समस्याओं से राहत प्रदान करता है। प्राचीन समय में इसका उपयोग सांप और बिच्छू के जहर को कम करने के लिए भी किया जाता था।
यह पौधा लगभग 30 से 60 सेंटीमीटर ऊँचा होता है। इसके चमकीले हरे पत्ते और छोटे सफेद या हल्के बैंगनी फूल आकर्षक होते हैं, लेकिन असली खजाना इसकी जड़ों में छिपा है। औषधि के रूप में इसका उपयोग मुख्य रूप से जड़ से किया जाता है।
सर्पगंधा को घर में भी उगाया जा सकता है। यह पौधा 18 से 24 महीने में तैयार हो जाता है, जिसकी जड़ों का औषधीय उपयोग किया जाता है।
आयुर्वेद में इसकी जड़ का उपयोग कई तरीकों से किया जाता है। इसका पाउडर रोजाना आधा ग्राम गुनगुने पानी या दूध के साथ लेने से स्वास्थ्य लाभ होता है। इसके अलावा, जड़ को पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर दिन में 1–2 बार पीने से मानसिक शक्ति और शांति मिलती है। आजकल कई आयुर्वेदिक कंपनियाँ इसे कैप्सूल या टैबलेट के रूप में भी बेचती हैं।
हालांकि, सर्पगंधा का सेवन बिना आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के नहीं करना चाहिए। यदि किसी को सांप काट ले, तो केवल सर्पगंधा पर भरोसा न करें, बल्कि तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।