क्या आपके लेटने का तरीका शरीर पर प्रभाव डालता है? बायीं करवट सोने के लाभ जानें
सारांश
Key Takeaways
- बायीं करवट सोने से पाचन तंत्र में सुधार होता है।
- यह हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।
- गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित है।
- नींद की गुणवत्ता में सुधार लाता है।
- अस्थमा और खांसी में राहत मिलती है।
नई दिल्ली, 21 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। संतुलित आहार और स्वस्थ जीवनशैली से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार होता है। इसके साथ ही गहरी नींद लेना भी बेहद आवश्यक है। सोते समय किस करवट लेटना है और किस दिशा में सिर करना है, इन सरल बातों पर अक्सर ध्यान नहीं दिया जाता, लेकिन गलत तरीके से लेटने के कारण कई शारीरिक समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।
आयुर्वेद में अच्छी नींद को 'सुखनिद्रा' कहा गया है। वैज्ञानिक और आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से यह स्पष्ट है कि बायीं तरफ करवट लेकर सोना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। साथ ही, दक्षिण और पूर्व दिशा में सिर करके सोना भी मानसिक शांति और मस्तिष्क पर दबाव को कम करने में मदद करता है। आयुर्वेद के अनुसार, बायीं तरफ सोने के कई लाभ हैं।
बायीं करवट सोने से शरीर की कई क्रियाएँ संतुलित होती हैं और पाचन, हृदय और श्वसन तंत्र को मजबूती मिलती है। पहले हम पाचन तंत्र की बात करते हैं। पेट की पाचन अग्नि का सही से कार्य करना आवश्यक है। बायीं तरफ सोने से आमाशय और आंतों पर दबाव कम होता है, जिससे रक्त का प्रवाह सुचारू रहता है। इससे कब्ज और पेट से संबंधित बीमारियाँ कम होती हैं।
गर्भवती महिलाओं के लिए बायीं तरफ सोना एक वरदान के समान है, जिससे शिशु तक सही मात्रा में रक्त और पोषण पहुँचता है, जिससे माँ और बच्चे का स्वास्थ्य बना रहता है। इस प्रकार सोने से हृदय में रक्त का संचालन सही तरीके से होता है, जिससे बीपी और हृदय रोगों का खतरा कम होता है।
बायीं तरफ करवट लेकर सोने से खांसी, जुखाम और अस्थमा जैसी समस्याओं में भी राहत मिलती है। खांसी होने पर सीधे सोने से बचना चाहिए और बायीं करवट लेटकर सोना चाहिए, जिससे फेफड़ों पर दबाव नहीं पड़ता और सांस लेना आसान हो जाता है।