क्या सूर्य नमस्कार से वज्रासन तक, ये आसान योगासन आपकी सेहत को सुधार सकते हैं?

सारांश
Key Takeaways
- सूर्य नमस्कार से शरीर में ऊर्जा का संचार होता है।
- ताड़ासन से संतुलन और शरीर की स्थिति में सुधार होता है।
- भुजंगासन से पीठ दर्द में राहत मिलती है।
- वज्रासन पाचन में सुधार करता है।
- योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि जीवनशैली है।
नई दिल्ली, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। हमारी सुबह की शुरुआत का तरीका यह निर्धारित करता है कि दिन कैसा गुजरेगा। अगर हम सुबह उठते ही कुछ मिनट अपने लिए निकालते हैं, तो यह हमारे शरीर और मन को पूरे दिन नई ऊर्जा दे सकता है।
योग केवल एक शारीरिक व्यायाम नहीं है, बल्कि यह एक जीवनशैली है जो हमारे शरीर को मजबूत, मन को शांत और सोच को सकारात्मक बनाती है। आयुष मंत्रालय यह स्पष्ट करता है कि यदि हर व्यक्ति दिन की शुरुआत योग के साथ करे, तो बीमारियों की संख्या में कमी आएगी और जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा।
आयुष मंत्रालय के अनुसार, सुबह के 15-20 मिनट के लिए कुछ सरल योगासन करने से शरीर लचीला और मजबूत बनता है, साथ ही दिमाग भी तरोताजा रहता है।
सुबह-सुबह सूर्य नमस्कार करना पूरे शरीर पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। इसमें 12 आसान स्टेप्स होते हैं, जो सिर से लेकर पैर तक सभी हिस्सों की हल्की एक्सरसाइज करते हैं। इस आसन में सांसों का तालमेल, शरीर का झुकाव और खिंचाव एक साथ होता है, जिससे रक्त प्रवाह बढ़ता है और मांसपेशियां मजबूत होती हैं। नियमित अभ्यास से शरीर लचीला बनता है और मेटाबॉलिज्म सुधरता है। यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है जो सुबह आलस्य महसूस करते हैं, क्योंकि सूर्य नमस्कार ऊर्जा का संचार करता है।
ताड़ासन एक सरल आसन है जिसे बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक सभी कर सकते हैं। यह दिखने में सरल है लेकिन प्रभावी भी है। पंजों के बल खड़े होकर दोनों हाथों को ऊपर उठाने से रीढ़ की हड्डी सीधी होती है और शरीर का संतुलन बेहतर होता है। यह आसन न केवल शरीर को मजबूत बनाता है, बल्कि आपकी पर्सनैलिटी को भी उजागर करता है। लंबे समय तक करने से यह कद बढ़ाने में मदद कर सकता है, खासकर बच्चों के लिए।
भुजंगासन उन लोगों के लिए वरदान है जिनको पीठ दर्द की समस्या होती है या जो दिनभर कंप्यूटर पर बैठते हैं। पेट के बल लेटकर छाती को ऊपर उठाने से रीढ़ में खिंचाव आता है और ऊपरी हिस्से की मांसपेशियां सक्रिय होती हैं। यह मानसिक तनाव को कम करता है और चेहरे पर ताजगी लाता है।
वज्रासन एकमात्र आसन है जिसे खाने के बाद भी किया जा सकता है। घुटनों के बल बैठकर एड़ियों पर शरीर को टिकाने से बेहतर पाचन होता है। वज्रासन में बैठने से पेट के भीतर हल्का दबाव बनता है, जो पाचन क्रिया को तेज करता है। यही कारण है कि इसे रोजाना कुछ मिनट करने से अपच, गैस और पेट फूलने जैसी समस्याएं दूर होती हैं।