क्या शरीर के लिए आहार के साथ 'सूर्य स्नान' भी अनिवार्य है? जानें तीन महत्वपूर्ण कदम

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क्या शरीर के लिए आहार के साथ 'सूर्य स्नान' भी अनिवार्य है? जानें तीन महत्वपूर्ण कदम

सारांश

क्या आप जानते हैं कि एक स्वस्थ जीवनशैली के लिए सिर्फ पौष्टिक आहार ही नहीं, बल्कि सूर्य स्नान भी आवश्यक है? जानिए तीन महत्वपूर्ण कदम जो आपके स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।

Key Takeaways

  • सूर्य स्नान से विटामिन डी की कमी पूरी होती है।
  • अभ्यंग विधि से विटामिन डी का अवशोषण बढ़ता है।
  • पौष्टिक आहार लेना भी आवश्यक है।
  • जैतून का तेल और बादाम के तेल का उपयोग करें।
  • सुबह की धूप से शरीर को ऊर्जा मिलती है।

नई दिल्ली, 21 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। एक स्वस्थ जीवनशैली के लिए पौष्टिक आहार का महत्वपूर्ण स्थान है, लेकिन इसके साथ-साथ सूर्य की रोशनी की भी आवश्यकता होती है।

शीत ऋतु में, शरीर में विटामिन डी की कमी बढ़ जाती है, जिससे थकान, हड्डियों की कमजोरी, मांसपेशियों का दुर्बल होना और मनोबल में गिरावट जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इस स्थिति में चिकित्सक सप्लीमेंट लेने की सलाह देते हैं, लेकिन प्राकृतिक रूप से शरीर को विटामिन डी प्रदान करना अधिक लाभकारी होता है।

शरीर को केवल आहार से नहीं, बल्कि धूप से भी ऊर्जा मिलती है। आयुर्वेद में विटामिन डी की कमी को अग्नि और रस धातु की कमी से जोड़ा गया है। आयुर्वेद के अनुसार सूर्य के बिना शरीर की अग्नि यानी पाचन शक्ति, ओज (शरीर की लड़ने की शक्ति और चमक), रक्तधारा (ब्लड सर्कुलेशन), और धातु-पोषण अधूरा है।

जब तक शरीर को धूप का स्पर्श नहीं मिलता, तब तक ये सभी लाभ प्राप्त नहीं होते। शीत ऋतु में भी सूर्य की ऊर्जा से विटामिन डी की कमी को पूरा किया जा सकता है। सुबह की धूप में उष्णता, प्रकाश और प्राण की शक्ति होती है, जो शरीर को वह ताकत देती है जो विटामिन डी के सप्लीमेंट भी नहीं दे सकते हैं।

इसके लिए पहले, सुबह 7–8 बजे की धूप शरीर के लिए फायदेमंद होती है। इस समय सूती कपड़े पहनकर धूप ग्रहण करना चाहिए। आयुर्वेद में इसे सूर्य स्नान कहा जाता है।

दूसरा, सूर्य की रोशनी में अभ्यंग विधि अपनाना चाहिए। अभ्यंग तेल मालिश की विधि है, जो शरीर में विटामिन डी के अवशोषण को बढ़ाती है। इसके लिए पैर, हाथ, और गर्दन पर तेल की मालिश करनी चाहिए। शीत ऋतु में जैतून का तेल, बादाम का तेल, और तिल का तेल का उपयोग किया जा सकता है।

तीसरा कदम है पौष्टिक आहार लेना। पौष्टिक आहार लेकर भी शरीर में विटामिन डी का अवशोषण बढ़ता है। विटामिन डी का अवशोषण वसा युक्त भोजन के साथ अधिक अच्छे तरीके से होता है। इसके लिए तिल, मूंगफली, अलसी, गाय का दूध, मक्खन, मशरूम, सोंठ, काली मिर्च और आंवले का सेवन लाभकारी होता है। ये तीनों कदम शरीर को पुनर्जीवित करने की ताकत रखते हैं। ऐसा करने से हड्डियों, मांसपेशियों और मन तीनों को मजबूती मिलती है।

Point of View

NationPress
21/11/2025

Frequently Asked Questions

सूर्य स्नान का सबसे अच्छा समय कब है?
सुबह 7-8 बजे का समय सूर्य स्नान के लिए सबसे लाभकारी होता है।
विटामिन डी की कमी के लक्षण क्या हैं?
विटामिन डी की कमी से थकान, हड्डियों में कमजोरी और मांसपेशियों में दुर्बलता जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
अभ्यंग विधि से विटामिन डी का अवशोषण कैसे बढ़ता है?
अभ्यंग विधि से शरीर में तेल की मालिश करने से विटामिन डी का अवशोषण बढ़ता है।
पौष्टिक आहार में क्या शामिल होना चाहिए?
पौष्टिक आहार में तिल, मूंगफली, अलसी, गाय का दूध, और मशरूम शामिल करना चाहिए।
क्या धूप में रहने से स्वास्थ्य में सुधार होता है?
जी हां, धूप में रहने से शरीर को आवश्यक विटामिन डी मिलता है, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
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