क्या ऊष्ट्रासन आंखों की रोशनी बढ़ाता है?

सारांश
Key Takeaways
- ऊष्ट्रासन आंखों की रोशनी बढ़ाने में सहायक है।
- पीठ और गर्दन के दर्द से राहत देता है।
- पाचन तंत्र को मजबूत करता है।
- तनाव और थकान को कम करता है।
- योग प्रशिक्षक की देखरेख में अभ्यास करना चाहिए।
नई दिल्ली, 18 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। कार्यस्थल पर तनाव और अनियमित जीवनशैली कई प्रकार की शारीरिक और मानसिक समस्याओं का कारण बन सकती है। लेकिन योग के पास इन समस्याओं का समाधान करने के लिए कई आसन हैं। इनमें से एक महत्वपूर्ण आसन है ऊष्ट्रासन, जिसका अभ्यास अत्यधिक लाभकारी होता है।
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने ऊष्ट्रासन को एक ऐसा आसन बताया है, जो न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारता है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। यह योगासन आंखों की रोशनी को बढ़ाता है, पीठ और गर्दन के दर्द से राहत देता है, पेट की चर्बी को कम करने में मदद करता है और पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है। ऊष्ट्रासन रीढ़ को लचीला बनाता है और हृदय-श्वसन स्वास्थ्य को बेहतर करता है।
ऊष्ट्रासन शरीर के कई हिस्सों को लाभ पहुंचाता है। यह आंखों की मांसपेशियों को मजबूत करता है, जिससे रोशनी बढ़ाने में मदद मिलती है। यह रीढ़ को खींचता है, जिससे पीठ और गर्दन के दर्द में कमी आती है। यह पेट की मांसपेशियों को सक्रिय करता है, जिससे चर्बी कम होती है और पाचन तंत्र में सुधार होता है। इसके अतिरिक्त, यह फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाता है, जिससे श्वसन और हृदय स्वास्थ्य में सुधार होता है। यह तनाव और थकान को कम करने में भी सहायक है।
आयुष मंत्रालय ऊष्ट्रासन के अभ्यास का सही तरीका बताता है। इसके लिए पहले वज्रासन की मुद्रा में बैठें या घुटनों पर खड़े हों, पैरों को कूल्हों की चौड़ाई के बराबर रखें। फिर धीरे-धीरे पीछे की ओर झुकें और अपने हाथों से एड़ियों को पकड़ें। सिर को पीछे की ओर झुकाएं और छाती को ऊपर की ओर लाएं। इस स्थिति में 20-30 सेकंड तक रहें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें। इसके बाद धीरे-धीरे शुरुआती स्थिति में वापस आएं और विश्राम करें।
ऊष्ट्रासन एक सरल और प्रभावी योगासन है, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। आयुष मंत्रालय की सलाह है कि नियमित अभ्यास से आप अपने शरीर को ऊर्जावान और लचीला बना सकते हैं। हालांकि, इसे सही तरीके से और सावधानी के साथ करना आवश्यक है। ऊष्ट्रासन करते समय कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी हैं। जिन्हें गंभीर पीठ दर्द, हर्निया, उच्च या निम्न रक्तचाप की समस्या है या हाल में सर्जरी हुई हो, उन्हें यह आसन डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं करना चाहिए। इसे खाली पेट करें और अधिक खिंचाव से बचें। शुरुआती लोगों को योग प्रशिक्षक की देखरेख में अभ्यास शुरू करना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को यह आसन नहीं करना चाहिए।