क्या आप 'सुखासन' के साथ योग की शुरुआत करना चाहेंगे? जानिए इसके लाभ और विधि

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क्या आप 'सुखासन' के साथ योग की शुरुआत करना चाहेंगे? जानिए इसके लाभ और विधि

सारांश

क्या आप योग की दुनिया में कदम रखना चाहते हैं? 'सुखासन' एक ऐसा योगासन है जो न केवल मानसिक शांति प्रदान करता है, बल्कि आपके शारीरिक स्वास्थ्य को भी सुदृढ़ बनाता है। जानिए इस सरल मुद्रा के लाभ और इसे करने की विधि।

Key Takeaways

  • सुखासन योग की शुरुआत के लिए एक सरल और प्रभावी आसन है।
  • यह तनाव को कम करने और शांति प्रदान करने में मदद करता है।
  • सुखासन को सभी उम्र के लोग कर सकते हैं।
  • इसका नियमित अभ्यास पाचन और समग्र स्वास्थ्य में सुधार करता है।
  • सही तरीके से करें ताकि लाभ अधिकतम हो सके।

नई दिल्ली, 20 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। व्यस्त दिनचर्या, चिंता और तनाव के बीच, योग हमें शांति प्रदान करता है। यदि आप योग की शुरुआत किसी सरल, शांत और ध्यान केंद्रित करने वाली मुद्रा से करना चाहते हैं, तो 'सुखासन' सबसे उपयुक्त योगासन में से एक है।

'सुखासन' एक ऐसा प्रभावी योगासन है, जिसे बच्चे से लेकर वृद्ध तक आसानी से कर सकते हैं। भारतीय संस्कृति में पालथी मारकर बैठने की जो सामान्य परंपरा है, सुखासन उसी का अनुशासित रूप है।

यह एक तनावमुक्त योगासन है, जिसे अंग्रेजी में 'ईजी पोज' भी कहा जाता है। 'सुख' का अर्थ है आनंद और 'आसन' का अर्थ है बैठने की स्थिति। जब हम किसी मुद्रा में बैठते हैं, तो हमारा शरीर त्रिकोण बनाता है, जो पृथ्वी के साथ हमारे जुड़ाव को भी मजबूत करने में मदद करता है।

आयुष मंत्रालय के अनुसार, सुखासन ध्यान की मुद्रा है, जो मन को शांत करता है, तनाव कम करता है, ऊर्जा को बढ़ाता है, और शरीर को आराम पहुंचाने में मदद करता है। इसके अभ्यास से पाचन और समग्र स्वास्थ्य में सुधार होता है। इसे पालथी मारकर, रीढ़ को सीधा और कंधों को ढीला रखकर, हाथों को घुटनों पर रखकर और सांसों पर ध्यान केंद्रित करते हुए किया जाता है।

इसको करने के लिए योगा मैट पर पैरों को सामने फैलाकर बैठ जाएं। अब अपने पैर को घुटने से मोड़ें और इसे दाहिनी जांघ के नीचे रखें। फिर दाएं पैर को मोड़ें और इसे बाईं जांघ के नीचे रखें। अपनी रीढ़ की हड्डी, गर्दन और सिर को सीधा रखें। हाथों को घुटनों पर 'ज्ञान मुद्रा' या सामान्य रूप से रखें। अपनी आंखें बंद करें और गहरी, लंबी सांसें लें। शुरुआत में इसे 2 से 5 मिनट तक करें, फिर धीरे-धीरे इस समय को बढ़ा सकते हैं।

इसके नियमित अभ्यास से कई प्रकार के लाभ मिलते हैं। यदि किसी के घुटनों या कूल्हों में दर्द हो, तो सावधानी बरतें या कुर्सी का सहारा लें। गहरी सांस लेते समय या प्राणायाम के साथ उच्च रक्तचाप वाले व्यक्तियों को सतर्क रहना चाहिए।

Point of View

बल्कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार लाने में भी मदद करता है। यह हर उम्र के लोगों के लिए उपयुक्त है, जिससे यह भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है।
NationPress
20/12/2025

Frequently Asked Questions

सुखासन करने का सही तरीका क्या है?
सुखासन करने के लिए, सबसे पहले जमीन पर योगा मैट बिछाएं, फिर पैरों को मोड़कर दाहिनी और बाईं जांघ के नीचे रखें, रीढ़ को सीधा रखें और गहरी सांस लें।
क्या सुखासन सभी के लिए सुरक्षित है?
हाँ, सुखासन सभी उम्र के लोगों के लिए सुरक्षित है, लेकिन यदि किसी को घुटनों या कूल्हों में समस्या है तो सावधानी बरतनी चाहिए।
सुखासन के क्या लाभ हैं?
सुखासन मानसिक शांति, तनाव में कमी, ऊर्जा में वृद्धि और समग्र स्वास्थ्य में सुधार करता है।
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