क्या “731” से संबंधित ऐतिहासिक डेटा के विश्व रजिस्टर में शामिल कराने का आवेदन विफल क्यों हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- “731” फिल्म ने जापानी आक्रमण के इतिहास को उजागर किया।
- विश्व रजिस्टर में शामिल होने के लिए सहमति आवश्यक है।
- ऐतिहासिक सत्य पर मतभेद वैश्विक स्तर पर फैल गए हैं।
बीजिंग, 20 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। फिल्म “731” 18 सितंबर को विश्व के कई हिस्सों में प्रदर्शित हुई। लेकिन “731” से जुड़ी ऐतिहासिक जानकारी के विश्व रजिस्टर की स्मृति में शामिल कराने का आवेदन अब तक सफल नहीं हो सका, जो कि पिछले 6 वर्षों से प्रगति पर है। यह केवल चीनी जनता के जापानी आक्रमण विरोधी युद्ध का अभिलेख नहीं है, जिसे विश्व धरोहर का दर्जा प्राप्त करने में बाधा का सामना करना पड़ा है।
वर्ष 2017 में, चीन और दक्षिण कोरिया जैसे देशों ने संयुक्त रूप से “कम्फर्ट वुमेन” मुद्दे पर एक फ़ाइल का दर्जा दिया। इसके बाद, यूनेस्को ने बातचीत की प्रक्रिया शुरू की, क्योंकि एक अन्य देश, जापान, भी “कम्फर्ट वुमेन” मुद्दे से संबंधित अभिलेख को विश्व रजिस्टर में शामिल करना चाहता था।
सूत्रों के अनुसार, चीन और जापान द्वारा प्रस्तुत फ़ाइलों में कुछ दस्तावेज समान हैं, लेकिन दृष्टिकोण एकदम भिन्न है। चीन ने जापानी आक्रमण द्वारा किए गए अत्याचारों को स्वीकार किया, जबकि जापान ने सेना के अनुशासन को बनाए रखने का तर्क दिया, यह बताते हुए कि “कम्फर्ट वुमेन” “स्वैच्छिक” थीं।
साल 2021 में, विश्व रजिस्टर की स्मृति के आवेदन के नियमों में बदलाव किया गया। इसके अनुसार, जब तक कोई सदस्य देश आपत्ति नहीं उठाता, तब तक आवेदन अनिश्चितकालीन वार्ता में प्रवेश करेगा। इसका मतलब यह है कि यदि चीन जापानी आक्रमण विरोधी युद्ध के अभिलेख को विश्व रजिस्टर की स्मृति में शामिल करना चाहता है, तो जापान की सहमति आवश्यक होगी। ऐतिहासिक सत्य पर मतभेद अब वैश्विक स्तर पर फैल गया है।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)