क्या हंगरी के लास्जलो क्रास्जनाहोरकाई को साहित्य के नोबेल पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया गया?

सारांश
Key Takeaways
- लास्जलो क्रास्जनाहोरकाई को 2025 का साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिला है।
- यह पुरस्कार साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान के लिए दिया जाता है।
- उनकी रचनाएं आधुनिक समाज के संकटों पर आधारित हैं।
- 'सैटानटैंगो' और 'द मेलांकली ऑफ रेसिस्टेंस' उनकी प्रमुख कृतियाँ हैं।
- नोबेल पुरस्कार 10 दिसंबर को स्वीडन में दिए जाएंगे।
नई दिल्ली, 9 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। स्वीडिश एकेडमी ने गुरुवार को साहित्य के नोबेल पुरस्कार की घोषणा की। यह पुरस्कार शाम 4:30 बजे घोषित किया गया। इस वर्ष, हंगरी के लास्जलो क्रास्जनाहोरकाई को इस प्रतिष्ठित सम्मान से नवाजा गया है। यह पुरस्कार उन लेखकों को दिया जाता है, जिन्होंने अद्भुत किताबें या कविताएं लिखकर साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। लास्जलो का जन्म 1954 में हुआ था।
एकेडमी ने पुरस्कार की घोषणा करते हुए कहा कि लास्जलो क्रास्जनाहोरकाई की रचनाएं अत्यधिक प्रभावशाली और दूरदर्शी हैं। वे दुनिया में तबाही और डर के बीच भी कला की शक्ति को प्रस्तुत करती हैं।
लास्जलो मध्य यूरोपीय परंपरा के एक महाकाव्य लेखक हैं, जिनका काम काफ्का से थॉमस बर्नहार्ड तक फैला हुआ है, और उनकी विशेषता बेलौसपन है।
उनका पहला उपन्यास "सैटानटैंगो" 1985 में प्रकाशित हुआ था, जो हंगरी के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले बेसहारा निवासियों के जीवन पर केंद्रित था, साम्यवाद के पतन से पहले।
कमिटी ने बताया कि उनकी किताबों में दर्शन और मानवता के संकटों का जिक्र बेबाकी से किया गया है। लास्जलो को डीप थिंकिंग वाली उदास कहानियां लिखने के लिए जाना जाता है। उनकी किताबें "सैटानटैंगो" और "द मेलांकली ऑफ रेसिस्टेंस" पर फिल्में भी बन चुकी हैं।
विजेता को 11 मिलियन स्वीडिश क्रोना (लगभग 10.3 करोड़ रुपए), सोने का मेडल और प्रमाणपत्र दिया जाएगा। यदि पुरस्कार एक से अधिक व्यक्तियों को मिलता है, तो पुरस्कार राशि उनके बीच बांटी जाती है। पुरस्कार 10 दिसंबर को स्टॉकहोम में प्रदान किए जाएंगे।
नोबेल एकेडमी ने अब तक फिजिक्स, केमिस्ट्री, मेडिसिन और साहित्य के लिए पुरस्कारों की घोषणा कर दी है।