क्या वायु प्रदूषण नियंत्रण में चीन की उपलब्धियां उल्लेखनीय हैं?

सारांश
Key Takeaways
- चीन ने वायु प्रदूषण में 57% की कमी की है।
- पेइचिंग अब सबसे स्वच्छ राजधानियों में शामिल है।
- 10 वर्षों में ग्रोथ 69% बढ़ी है।
- भारी प्रदूषण के दिन 92% घटे हैं।
- 2060 तक पीएम 2.5 10 माइक्रोग्राम से कम होने का लक्ष्य है।
बीजिंग, 7 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। हर वर्ष 7 सितंबर को “अंतरराष्ट्रीय स्वच्छ वायु और नीला आसमान दिवस” मनाया जाता है। इस साल का विषय था– “हवा के लिए दौड़”। इसी अवसर पर संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) के चीन कार्यालय ने पेइचिंग में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया।
कार्यक्रम में चीन में संयुक्त राष्ट्र के समन्वयक सिद्धार्थ चटर्जी ने कहा कि वायु प्रदूषण आज के समय का सबसे बड़ा पर्यावरणीय स्वास्थ्य जोखिम है। इसका कोई भौगोलिक सीमा नहीं होती, इसलिए पर्यावरण की रक्षा करना और सभी को स्वच्छ हवा उपलब्ध कराना पूरी मानवता की साझी जिम्मेदारी है।
उन्होंने विशेष रूप से उल्लेख किया कि पेइचिंग, जो कभी दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में गिना जाता था, अब दुनिया की सबसे स्वच्छ राजधानियों में शामिल है। चटर्जी ने कहा कि वायु प्रदूषण नियंत्रण में चीन की उपलब्धियां अंतरराष्ट्रीय समुदाय की उच्च प्रशंसा की पात्र हैं।
उन्होंने बताया कि चीन ने पारिस्थितिकी और पर्यावरण सुधार के लिए ठोस संस्थागत गारंटियां प्रदान करने वाली श्रृंखलाबद्ध सार्वजनिक नीतियां लागू की हैं। सरकार ने न केवल समाज के विभिन्न क्षेत्रों, निजी विभागों और सरकारी उद्यमों के साथ सहयोग का मजबूत पुल बनाया है, बल्कि प्रदूषण संबंधी चुनौतियों का सामना कर रही कंपनियों को भी इस प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया है। इस तरह सभी हितधारक साझा सहमति बनाकर एक ही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
चटर्जी के अनुसार, पेइचिंग का अनुभव निस्संदेह पारिस्थितिकी और पर्यावरणीय शासन का एक सफल मॉडल है, जो दुनिया के अन्य बड़े शहरों के लिए प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत करता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले 10 वर्षों में चीन की जीडीपी में 69 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि हवा में पीएम 2.5 कणों की सांद्रता में 57 प्रतिशत की कमी आई है। इसी अवधि में भारी प्रदूषण वाले दिनों की संख्या 92 प्रतिशत तक घट गई है। इन उल्लेखनीय उपलब्धियों के बावजूद चीन ने आर्थिक विकास दर को 5 प्रतिशत से ऊपर बनाए रखा है, जिसने वैश्विक स्तर पर सबका ध्यान आकर्षित किया है।
अनुमान है कि वर्ष 2060 तक चीन में पीएम 2.5 की वार्षिक औसत सांद्रता, जो वर्तमान में 20 माइक्रोग्राम प्रति घन-मीटर से अधिक है, घटकर 10 माइक्रोग्राम प्रति घन-मीटर से भी कम रह जाएगी। यह लक्ष्य चीन की सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण की प्रतिबद्धता को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)