क्या भारत अफगानिस्तान के लोगों के लिए वास्तव में दूसरा घर है? : मौलवी नूर जलाल जलाली

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क्या भारत अफगानिस्तान के लोगों के लिए वास्तव में दूसरा घर है? : मौलवी नूर जलाल जलाली

सारांश

क्या भारत अफगानिस्तान के लोगों के लिए सच में दूसरा घर बन चुका है? मौलवी नूर जलाल जलाली ने इस संवादात्मक सत्र में इस पर रोशनी डाली। जानिए, उन्होंने क्या कहा और कैसे भारत-अफगानिस्तान के बीच साझेदारी को और मजबूत किया जा सकता है।

Key Takeaways

  • भारत और अफगानिस्तान के बीच साझेदारी को मजबूत बनाने की आवश्यकता है।
  • अफगानिस्तान में दवा की गुणवत्ता एक गंभीर मुद्दा है।
  • भारत हमेशा से अफगानिस्तान के लिए दूसरा घर रहा है।
  • जन स्वास्थ्य में सुधार के लिए उच्च गुणवत्ता वाली दवाओं की जरूरत है।
  • उद्योग और सरकार के बीच समन्वय बढ़ाने के प्रयास जरूरी हैं।

नई दिल्ली, 20 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) द्वारा शनिवार को एक संवादात्मक सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें अफगानिस्तान के उच्च स्तरीय व्यापार प्रतिनिधिमंडल ने भाग लिया। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व अफगानिस्तान के स्वास्थ्य मंत्री मौलवी नूर जलाल जलाली ने किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत-अफगानिस्तान साझेदारी को मजबूत करना था, विशेषकर दवा और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्रों में सार्थक संवाद को बढ़ावा देना।

मौलवी नूर जलाल जलाली ने अफगानिस्तान की प्रगति की एक सकारात्मक तस्वीर पेश की, यह कहते हुए कि अफगानिस्तान ने अनिश्चितता का एक लंबा दौर सहा है। हालाँकि, आज देश शांति की ओर अग्रसर है और समृद्धि की दिशा में निरंतर प्रगति कर रहा है। भारत हमेशा से अफगानिस्तान के नागरिकों के लिए दूसरा घर रहा है, और हम मानते हैं कि भारतीय नागरिक हमारे बिछड़े हुए भाई हैं।

उन्होंने दवा क्षेत्र को यात्रा के प्रमुख केंद्र के रूप में उजागर किया और कहा कि अफगानिस्तान का बाजार भारत, बांग्लादेश और मध्य एशियाई देशों से आपूर्ति पर निर्भर है, लेकिन घटिया आयात के कारण चुनौतियों का सामना कर रहा है।

मंत्री ने जन स्वास्थ्य प्राथमिकताओं पर बल देते हुए उच्च गुणवत्ता वाली दवाओं की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में नकली या निम्न गुणवत्ता वाली दवाओं का प्रवेश जन स्वास्थ्य के लिए खतरा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एक स्वस्थ राष्ट्र के निर्माण के लिए उच्च गुणवत्ता वाली दवाओं तक पहुंच आवश्यक है। दवा व्यापार में गुणवत्ता और विश्वास सर्वोपरि रहना चाहिए।

मुल्तानी फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड की महाप्रबंधक डॉ. रुचि श्रीवास्तव ने उद्योग और सरकार के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए पीएचडीसीसीआई के प्रयासों की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि चैंबर न केवल भारत में बल्कि दूतावासों, उद्योग क्षेत्रों, व्यापार प्रतिनिधिमंडलों और नीतिगत संवादों के माध्यम से उद्योग और निवेश को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है।

अफगानिस्तान स्थित भारतीय दूतावास के प्रभारी करण यादव ने योग्य योजनाओं के बारे में बात करते हुए सामर्थ्य, गुणवत्ता, सुदृढ़ आपूर्ति श्रृंखला और विश्वास के स्तंभों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि हमें अफगानों के लिए यथासंभव योगदान देना चाहिए, क्योंकि वे हमारे भाई हैं।

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारत और अफगानिस्तान के बीच संबंधों को मजबूत करने की आवश्यकता है। मौलवी नूर जलाल जलाली के विचारों ने इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। दोनों देशों के बीच सहयोग से न केवल व्यापार बढ़ेगा, बल्कि यह जन स्वास्थ्य में भी सुधार करेगा।
NationPress
21/12/2025

Frequently Asked Questions

भारत और अफगानिस्तान के बीच व्यापार की स्थिति क्या है?
भारत और अफगानिस्तान के बीच व्यापार का मुख्य केंद्र दवा क्षेत्र है, जिसमें भारत ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
अफगानिस्तान में दवाओं की गुणवत्ता का क्या हाल है?
अफगानिस्तान में नकली और निम्न गुणवत्ता वाली दवाओं का प्रवेश एक गंभीर चिंता का विषय है।
भारत ने अफगानिस्तान की मदद कैसे की है?
भारत ने अफगानिस्तान को स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में सहायता प्रदान की है।
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