क्या राष्ट्र प्रेरणा स्थल में राष्ट्र नायकों की भव्य कांस्य प्रतिमाओं का निर्माण पूरा हुआ?
सारांश
Key Takeaways
- 65 फुट ऊंची और 32 टन वजनी कांस्य प्रतिमाएं
- फसाड लाइटिंग और प्रोजेक्शन मैपिंग का उपयोग
- प्रधानमंत्री का अनावरण 25 दिसंबर को
- अध्ययन के लिए म्यूजियम की स्थापना
- राष्ट्रवाद की भावना को प्रेरित करना
लखनऊ, 21 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ‘राष्ट्र प्रेरणा स्थल’ का निर्माण किया गया है। यह स्थल देशभर में राष्ट्रवाद की भावना को उजागर करने वाला एक विशिष्ट केंद्र बनेगा। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्रवाद के प्रतीक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पं. दीन दयाल उपाध्याय और श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी की भव्य कांस्य प्रतिमाओं का अनावरण 25 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।
इन 65 फुट ऊंची और 32 टन वजनी कांस्य प्रतिमाओं का निर्माण राज्य ललित कला अकादमी द्वारा किया गया है। इनका सौंदर्यीकरण फसाड लाइटिंग और प्रोजेक्शन मैपिंग तकनीक के माध्यम से किया गया है। लखनऊ विकास प्राधिकरण ने 65 एकड़ क्षेत्र में राष्ट्र प्रेरणा स्थल का निर्माण कराया है।
इन प्रतिमाओं के निर्माण के लिए लगभग 21 करोड़ रुपए की राशि एलडीए द्वारा जारी की गई है। राज्य ललित कला अकादमी के निदेशक अमित अग्निहोत्री ने बताया कि पंडित दीन दयाल उपाध्याय की प्रतिमा का निर्माण प्रसिद्ध राम सुतार आर्ट क्रियेशन प्राइवेट लिमिटेड ने किया है, जिसने दुनिया की सबसे ऊंची स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का निर्माण भी किया था।
वहीं, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमाओं का निर्माण माटू राम आर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड ने किया है। ये प्रतिमाएं न केवल कलात्मक उत्कृष्टता का प्रतीक हैं, बल्कि राष्ट्रवाद और एकता की भावना भी व्यक्त करेंगी।
इन मूर्तियों के सौंदर्यीकरण में फसाड लाइटिंग और प्रोजेक्शन मैपिंग का उपयोग किया गया है। प्रोजेक्शन मैपिंग के माध्यम से मूर्तियों के कपड़ों का रंग समय के साथ बदलने की संभावना है। इसके साथ ही मूर्तियों के चारों ओर पानी के फव्वारे और स्टेज का निर्माण किया गया है। राष्ट्र प्रेरणा स्थल में राष्ट्र नायकों के प्रेरक जीवन को भावी पीढ़ियों के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए एक म्यूजियम का निर्माण भी किया गया है। यहां निर्मित 5 गैलरियों में तीनों नायकों के जीवन संदेश को वीडियो एवी के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा, साथ ही उनके उपयोग किए गए सामान और उनकी फोटो, जीवन वृत्त और सिलिकॉन मूर्तियों के माध्यम से जीवंत करने का प्रयास किया जाएगा। यह स्थल न केवल पर्यटकों के लिए एक आकर्षण का केंद्र बनेगा, बल्कि स्कूल-कॉलेज के छात्रों के लिए शैक्षिक यात्राओं का आदर्श स्थान भी सिद्ध होगा।