क्या अमेरिका ने वर्क परमिट की अवधि कम की, हजारों भारतीय पेशवरों पर पड़ेगा असर?
सारांश
Key Takeaways
- ईएडी की वैधता अवधि घटाई गई है।
- यह नीति सुरक्षा जांच को मजबूत करने के लिए लागू की गई है।
- भारतीय पेशेवर इस बदलाव से सबसे अधिक प्रभावित होंगे।
- नए नियम 5 दिसंबर, 2025 से लागू होंगे।
- लंबी प्रतीक्षा कर रहे आवेदकों के लिए यह चिंता का विषय है।
वाशिंगटन, 5 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिका के इमिग्रेशन सिस्टम में एक महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए यूएस सिटीजनशिप एंड इमीग्रेशन सर्विसेज (यूएससीआईएस) ने घोषणा की है कि अब एम्प्लॉयमेंट ऑथराइजेशन डॉक्यूमेंट्स यानी ईएडी की अधिकतम वैधता अवधि कम कर दी जाएगी। इस निर्णय का प्रभाव लाखों भारतीय पेशेवरों और उनके परिवारों पर पड़ेगा। एजेंसी का कहना है कि यह परिवर्तन सुरक्षा जांच को और मजबूत करने एवं संभावित जोखिमों की पहचान के लिए आवश्यक है।
यूएससीआईएस ने बताया कि नई नीति के तहत अमेरिका में कार्य करने की अनुमति प्राप्त करने वाले व्यक्तियों की बार-बार जांच की जा सकेगी, जिससे धोखाधड़ी की रोकथाम हो सकेगी और उन व्यक्तियों की पहचान की जा सकेगी जिनके इरादे हानिकारक हैं, ताकि उन्हें देश से बाहर करने की प्रक्रिया शुरू की जा सके।
डायरेक्टर जोसेफ एडलो ने इस निर्णय को सार्वजनिक सुरक्षा की चिंताओं से जोड़ा। उन्होंने बताया कि रोजगार-अनुमति अवधि में कटौती से यह सुनिश्चित होगा कि जो लोग अमेरिका में काम करना चाहते हैं, वे सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा न बनें और देश-विरोधी विचारधाराओं को न बढ़ाएं।
उन्होंने हाल की एक घटना का उदाहरण देते हुए कहा कि वॉशिंगटन में नेशनल गार्ड के सैनिकों पर हमला करने वाला व्यक्ति पिछले प्रशासन द्वारा देश में आने की अनुमति दी गई थी। इस घटना के बाद यह और भी आवश्यक हो गया है कि विदेशी नागरिकों की बार-बार जांच की जाए।
ये परिवर्तन कई श्रेणियों पर सीधे असर डालते हैं, जिनका भारतीय नागरिक बड़ी संख्या में उपयोग करते हैं, जैसे कि रोजगार-आधारित ग्रीन कार्ड के आवेदक और वे एच-1बी कर्मचारी जिनकी प्रक्रिया जारी है।
नई नीति के अनुसार, शरणार्थियों, आश्रय मांगने वालों, हटाने की प्रक्रिया से राहत पाने वालों और ग्रीन कार्ड आवेदन (आईएनए 245) करने वालों को दिए जाने वाले ईएडी पहले पाँच वर्षों के लिए मान्य होते थे, लेकिन अब ये केवल 18 महीने के लिए मान्य होंगे।
पॉलिसी अलर्ट में कहा गया है कि यह नियम 5 दिसंबर, 2025 को या उसके बाद लंबित या दायर किए गए सभी आवेदनों पर लागू होगा।
लंबे समय से ग्रीन कार्ड की प्रतीक्षा कर रहे भारतीय आवेदकों के लिए यह परिवर्तन नई चिंताओं को जन्म दे सकता है। बहुत से भारतीय लोग अपनी नौकरी को बनाए रखने के लिए लंबे समय वाले ईएडी और एडवांस पैरोल दस्तावेजों पर निर्भर करते हैं। भारतीय प्रवासी समुदाय अमेरिका में रोजगार-आधारित वीजा का सबसे बड़ा लाभार्थी है। इस बदलाव से वे सबसे अधिक प्रभावित होंगे।