क्या ऑस्ट्रेलिया ने कोआला को क्लैमाइडिया से बचाने के लिए दुनिया के पहले टीके को मंजूरी दी?

सारांश
Key Takeaways
- ऑस्ट्रेलिया ने कोआलाओं के लिए पहला टीका मंजूर किया है।
- क्लैमाइडिया से होने वाली मृत्यु दर में कमी आएगी।
- यह टीका एकल-खुराक वाला है और आसान है।
- 10 वर्षों के अनुसंधान से प्राप्त किया गया है।
- क्लैमाइडिया सबसे आम यौन संचारित संक्रमणों में से एक है।
सिडनी, 10 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। ऑस्ट्रेलिया ने लुप्तप्राय कोआला को क्लैमाइडिया से सुरक्षित रखने के लिए विश्व का पहला टीका स्वीकृत किया है। क्लैमाइडिया एक ऐसी बीमारी है जिसने मार्सुपियल्स (वे जीव जो अन्य स्तनधारियों की तुलना में बहुत कम समय तक गर्भधारण करते हैं और जन्म के समय उनका बच्चा लगभग अविकसित होता है) की संख्या को अत्यधिक प्रभावित किया है।
बुधवार को जारी यूनीएससी के बयान के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया के सनशाइन कोस्ट विश्वविद्यालय (यूनीएससी) द्वारा पिछले 10 वर्षों में विकसित इस टीके को ऑस्ट्रेलियाई कीटनाशक एवं पशु चिकित्सा औषधि प्राधिकरण द्वारा मंजूरी मिली है, जो लुप्तप्राय कोआलाओं को क्लैमाइडिया संक्रमण और मृत्यु से बचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
बयान में कहा गया है कि प्रजनन के माध्यम से फैलने वाली यह बीमारी दर्दनाक मूत्र मार्ग में संक्रमण, बांझपन, अंधापन और यहां तक कि मृत्यु का कारण बन सकती है, और कुछ मामलों में संक्रमण दर 70 प्रतिशत तक पहुंच जाती है।
यूनीएससी के नेतृत्व में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि इस टीके ने प्रजनन काल के दौरान कोआलाओं में क्लैमाइडिया के लक्षण विकसित होने की संभावना को कम कर दिया और जंगली जनसंख्या में इस बीमारी से होने वाली मृत्यु दर को कम से कम 65 प्रतिशत तक घटा दिया।
यूनीएससी के माइक्रोबायोलॉजी प्रोफेसर पीटर टिम्स ने कहा कि इस एकल-खुराक वाले टीके को पशु चिकित्सा नियामक ने वन्यजीव अस्पतालों, पशु चिकित्सालयों और खेतों में उपयोग के लिए मंजूरी दे दी है।
उन्होंने कहा, "हम जानते थे कि बिना किसी बूस्टर डोज के, सिंगल डोज वाला टीका ही इस बीमारी के तेज और विनाशकारी प्रसार को कम करने का उपाय है। ऑस्ट्रेलिया में सभी जंगली कोआलाओं की आधी से ज्यादा मौतें इसी बीमारी के कारण होती हैं।"
अब तक, क्लैमाइडिया से संक्रमित कोआलाओं के लिए एंटीबायोटिक्स ही एकमात्र उपलब्ध उपचार थे, लेकिन ये कोआला के भोजन के एकमात्र स्रोत, यूकेलिप्टस के पत्तों को पचाने की क्षमता को बाधित कर सकते हैं, जिससे भूखमरी और कुछ मामलों में मृत्यु भी हो सकती है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, ये अक्सर भविष्य में होने वाले संक्रमण को रोकने में भी विफल रहते हैं।
बयान के अनुसार, कई टीकाकरण परीक्षणों के माध्यम से एकत्र किए गए एक दशक के नैदानिक आंकड़ों ने टीके की सुरक्षा और प्रभावशीलता की पुष्टि की है।
क्लैमाइडिया सबसे आम यौन संचारित संक्रमणों (एसटीआई) में से एक है। चूंकि क्लैमाइडिया के कोई प्रत्यक्ष लक्षण नहीं होते, इसलिए क्लैमाइडिया से ग्रसित कई लोग इसके बारे में अनजान रहते हैं और अनजाने में दूसरों को संक्रमित कर देते हैं। नियमित जांच से इसके प्रसार को कम करने में मदद मिल सकती है।
क्लैमाइडिया बैक्टीरिया से होने वाला सबसे आम यौन संचारित संक्रमण है। हर साल क्लैमाइडिया के लगभग 15 लाख मामले सामने आते हैं। संक्रमणों की संख्या संभवतः इससे भी अधिक है। क्लैमाइडिया के अधिकांश मामले बिना लक्षण वाले होते हैं, यानी संक्रमण के कोई लक्षण या संकेत नहीं दिखाई देते। इनमें से कई मामले शायद रिपोर्ट ही नहीं किए जाते।