क्या अवामी लीग ने शेख हसीना पर 'झूठी और विकृत' मीडिया रिपोर्ट पर चिंता जताई?

सारांश
Key Takeaways
- अवामी लीग ने बीबीसी की रिपोर्ट को झूठा करार दिया।
- रिपोर्ट में केवल एक 18-सेकंड का ऑडियो क्लिप शामिल है।
- पार्टी ने शेख हसीना को बदनाम करने का आरोप लगाया है।
ढाका, 10 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश की अवामी लीग पार्टी ने गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना से संबंधित एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया आउटलेट की रिपोर्ट पर गहरी चिंता व्यक्त की है, जिसमें एक कथित लीक ऑडियो रिकॉर्डिंग का उल्लेख किया गया है। अवामी लीग ने इसे 'झूठा और विकृत' करार दिया है।
बीबीसी ने बुधवार को रिपोर्ट में बताया कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कथित रूप से जुलाई में हुए विरोध-प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों के खिलाफ 'घातक बल' के इस्तेमाल का आदेश दिया था। यह दावा एक लीक ऑडियो के आधार पर किया गया है।
इस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए अवामी लीग ने कहा कि प्रधानमंत्री, बंगबंधु की पुत्री और अवामी लीग अध्यक्ष शेख हसीना से जुड़ी झूठी और तोड़-मरोड़कर पेश की गई रिपोर्ट का बीबीसी के जरिए प्रसारण दुर्भाग्यपूर्ण और अकल्पनीय है। पार्टी ने इसे 'केवल एक निराधार 18-सेकंड के तथाकथित ऑडियो क्लिप' पर आधारित बताया है।
पार्टी ने कहा, "बांग्लादेश में मानवाधिकार उल्लंघनों की पृष्ठभूमि में, बीबीसी वर्ल्ड सर्विस ने हाल ही में 35 मिनट की एक रिपोर्ट प्रसारित की, जिसे खोजी पत्रकारिता के हिस्से के रूप में पेश किया गया। हालांकि, इस रिपोर्ट में जानबूझकर एक अपुष्ट ऑडियो क्लिप को शामिल किया गया, जिसे शेख हसीना से जोड़ा गया।"
अवामी लीग ने कहा कि यह रिपोर्ट निष्पक्षता से परे है और इसमें 'स्पष्ट पक्षपात' झलकता है। पार्टी ने कहा, "कथित ऑडियो क्लिप में किसी प्राप्तकर्ता की पहचान नहीं की जा सकती, जिससे इसकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़े होते हैं।"
पार्टी ने यह भी कहा, "अगर यह ऑडियो असली होता, तो उसमें किसी विशिष्ट प्राप्तकर्ता का जिक्र होता। यह क्लिप आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाई गई है, जिसका मकसद वर्तमान सरकार और अवामी लीग के राजनीतिक विरोधियों की मिलीभगत से शेख हसीना को बदनाम करना है।"
पार्टी के अनुसार, जिस फॉरेंसिक ऑडियो फर्म से बीबीसी ने परामर्श करने का दावा किया है, वह भी इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं कर सकी।
अवामी लीग ने आरोप लगाया कि यह रिपोर्ट उन कानून प्रवर्तन एजेंसियों और अभियोजकों की जानकारी पर आधारित है, जो यूनुस शासन के प्रति वफादार माने जाते हैं, जिनमें से कुछ का अतीत युद्ध अपराधियों को 'मानवता' के नाम पर बचाने से जुड़ा रहा है।