क्या हिजाब विवाद के बाद झारखंड के मंत्री ने डॉक्टर को तीन लाख की नौकरी का ऑफर दिया?
सारांश
Key Takeaways
- झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री ने विवादास्पद प्रस्ताव दिया है।
- जदयू ने इसे झूठा वादा बताया है।
- डॉ. नुसरत परवीन को तीन लाख रुपये का ऑफर दिया गया है।
- झारखंड सरकार आयुष डॉक्टरों को कम वेतन देती है।
- राजनीति में वादों की सच्चाई पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
पटना, 20 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने बिहार की आयुष डॉक्टर नुसरत परवीन को तीन लाख रुपये मासिक वेतन और अन्य सुविधाओं के साथ नौकरी का प्रस्ताव दिया है। इस पर बिहार में सत्तारूढ़ जदयू के नेताओं ने उन पर झूठे वादे करने का आरोप लगाया है।
जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि इरफान अंसारी ने सुबह-सुबह झूठ बोला। उन्होंने कहा, "आप स्वास्थ्य मंत्री हैं, लेकिन आपको अपने विभाग की जानकारी नहीं है। एनएचएम में बहाली की समिति में स्वास्थ्य मंत्री सदस्य नहीं होते। इरफान अंसारी को बहाली का अधिकार नहीं है।"
उन्होंने आगे कहा कि इरफान अंसारी ने कहा कि तीन लाख रुपये प्रति महीने वेतन देंगे, जबकि झारखंड सरकार आयुष डॉक्टरों को केवल 40 हजार रुपये महीने देती है। आयुष चिकित्सकों को कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर के रूप में 25 हजार रुपये मिलते हैं।
जदयू नेता ने झारखंड के मंत्री के झूठ बोलने को पैगंबर का अपमान करार देते हुए माफी मांगने और अपने पद से इस्तीफा देने की मांग की है।
झारखंड के मंत्री इरफान अंसारी ने सोशल मीडिया पर लिखा, "बिहार में महिला डॉक्टर डॉ. नुसरत प्रवीण के साथ हुई अमानवीय घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया। हिजाब खींचना केवल एक महिला का नहीं, बल्कि संविधान और इंसानियत का अपमान है। झारखंड सरकार के नेतृत्व में यह स्पष्ट संदेश गया है कि झारखंड में बेटियों और डॉक्टरों का सम्मान किया जाएगा।"
उन्होंने आगे लिखा, "डॉ. नुसरत प्रवीण को झारखंड में प्रतिमाह तीन लाख रुपये, सरकारी नौकरी, मनचाही पोस्टिंग, सरकारी फ्लैट, पूर्ण सुरक्षा और सम्मानजनक कार्य वातावरण मिलेगा। यह नियुक्ति नहीं, बल्कि सम्मान की जीत है।"