क्या बलूचिस्तान में पाकिस्तानी पुलिसकर्मियों पर ताबड़तोड़ फायरिंग हुई?

सारांश
Key Takeaways
- दो पुलिसकर्मियों की हत्या बलूचिस्तान में तनाव को बढ़ाती है।
- बीएलए के हमले से पाकिस्तानी सेना की स्थिति कमजोर हो रही है।
- टीटीपी का खतरा भी बढ़ता जा रहा है।
- पाकिस्तान में सुरक्षा स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
- युद्धविराम समझौता स्थिति को स्थिर करने में मदद कर सकता है।
नई दिल्ली, २२ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट ने पाकिस्तानी सेना पर लगातार हमले जारी रखे हैं। हाल ही में बीएलए के एक हमले में पाकिस्तानी सेना के सात जवान मारे गए। ताजा घटनाक्रम में बलूचिस्तान में गोलीबारी के दौरान दो पाकिस्तानी पुलिसकर्मी की मौत हो गई।
हालांकि, गोलीबारी का कारण और जिम्मेदारी लेने वाले किसी संगठन की जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है।
सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत के नोश्की जिले में अज्ञात आतंकवादियों की गोलीबारी में दो पुलिसकर्मी मारे गए। यह जानकारी पाकिस्तानी पुलिस ने दी।
पुलिस के एक बयान के अनुसार, अज्ञात बंदूकधारियों ने पुलिसकर्मियों पर गोलीबारी की और मौके से फरार हो गए। कई गोलियों के कारण पुलिसकर्मियों की मौके पर ही मौत हो गई। सुरक्षा बलों ने इलाके को घेर लिया और अपराधियों की तलाश के लिए अभियान शुरू कर दिया।
पाकिस्तान इस समय अपने ही घर में संकट में है। एक ओर बीएलए पाकिस्तानी सेना के खिलाफ हमलावर है, वहीं दूसरी ओर टीटीपी ने भी तबाही मचाई हुई है।
अफगानिस्तान के साथ युद्धविराम के बीच टीटीपी ने दावा किया है कि उसने पाकिस्तान के एक सैन्य ठिकाने पर हमला किया, जिसमें २७ जवान मारे गए। इसने पाकिस्तानी सेना की चौकी पर कब्जा करने का भी दावा किया है।
इस बीच, पाकिस्तानी सेना या सरकार की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हाल ही में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच हुए भीषण हमले के बाद दोनों पक्षों ने दोहा में युद्धविराम समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
दोनों पक्ष युद्धविराम समझौते का पालन कर रहे हैं और इसके निगरानी के लिए आगे भी कई बैठकें आयोजित की जाएंगी। तुर्किए और कतर ने इस मामले में मध्यस्थता की थी।