क्या बांग्लादेश में अबू सैयद हत्याकांड में 30 लोगों पर आरोप तय हुए?

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क्या बांग्लादेश में अबू सैयद हत्याकांड में 30 लोगों पर आरोप तय हुए?

सारांश

बांग्लादेश में अबू सैयद की हत्या का मामला गहराता जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने 30 व्यक्तियों के खिलाफ आरोप तय किए हैं। क्या न्याय मिलेगा? जानिए इस जटिल मामले की पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • बांग्लादेश में 30 व्यक्तियों के खिलाफ आरोप तय हुए।
  • 24 आरोपी फरार हैं, और अदालत में पेश नहीं हुए हैं।
  • सरकार ने फरार आरोपियों के लिए वकीलों की नियुक्ति की।
  • अबू सैयद की हत्या ने छात्र आंदोलन को प्रभावित किया।
  • यह पहली बार है कि रंगपुर में किसी छात्र की मौत पुलिस की गोली से हुई।

ढाका, 6 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश का अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) ने बुधवार को बेगम रोकैया विश्वविद्यालय, रंगपुर के छात्र अबू सैयद की हत्या के मामले में 30 व्यक्तियों के खिलाफ औपचारिक रूप से आरोप तय किए। यह हत्या पिछले वर्ष हुए 'एंटी-डिस्क्रिमिनेशन स्टूडेंट मूवमेंट' के दौरान हुई थी। न्यायाधिकरण के अध्यक्ष जस्टिस नजरुल इस्लाम चौधरी और अन्य दो सदस्यों की पीठ ने यह आदेश जारी किया।

30 आरोपियों में से 24 फरार हैं और सार्वजनिक नोटिसों के बावजूद अदालत में पेश नहीं हुए हैं। ऐसे में ट्रिब्यूनल ने उनके खिलाफ गैरहाजिर में ही मुकदमा चलाने का निर्णय लिया है।

सरकार की ओर से इन फरार आरोपियों के लिए चार वकीलों की नियुक्ति की गई है, जिन्हें छह-छह आरोपियों का प्रतिनिधित्व सौंपा गया है।

ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, गिरफ्तार छह आरोपियों में से दो ने अब तक कानूनी प्रतिनिधित्व की व्यवस्था नहीं की है। इस पर ट्रिब्यूनल ने उनके कानूनी परामर्श को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है।

इससे पहले 30 जुलाई को ट्रिब्यूनल ने बेगम रोकैया विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति हसीबुर राशिद सहित 26 लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे।

चार आरोपी, जिनमें विश्वविद्यालय के पूर्व प्रॉक्टर शरीफुल इस्लाम, पुलिस के पूर्व एएसआई अमीर हुसैन, पुलिस कांस्टेबल सुजन चंद्र रॉय और बांग्लादेश छात्र लीग के नेता इमरान चौधरी शामिल हैं, इस मामले में हिरासत में हैं।

22 जुलाई को राज्य द्वारा नियुक्त वकीलों को फरार आरोपियों के लिए औपचारिक रूप से नियुक्त किया गया था। इन फरार आरोपियों में विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और रंगपुर मेट्रोपॉलिटन पुलिस के पूर्व आयुक्त भी शामिल हैं।

13 जुलाई को ट्रिब्यूनल ने दो गिरफ्तार आरोपियों, रसल और परवेज, को अदालत में पेश करने का आदेश दिया था। इन दोनों को एक संबंधित मामले में गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले 30 जून को अदालत ने फरार आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था और उसी दिन आरोपों को संज्ञान में लिया गया था।

24 जून को जांच एजेंसी ने अबू सैयद की हत्या से जुड़ी जांच रिपोर्ट अभियोजन पक्ष को सौंप दी थी।

अबू सैयद की मौत 16 जुलाई, 2024 को रंगपुर के पार्क मोड़ पर हुई थी, जब वह सरकारी नौकरियों में आरक्षण व्यवस्था में सुधार की मांग को लेकर हुए हिंसक छात्र आंदोलन में शामिल थे। यह पहली बार था जब रंगपुर में किसी छात्र की मौत पुलिस की गोली से हुई।

Point of View

उन्हें उचित कानूनी प्रक्रिया का सामना करने का मौका मिले।
NationPress
06/08/2025

Frequently Asked Questions

अबू सैयद की हत्या कब हुई थी?
अबू सैयद की हत्या 16 जुलाई, 2024 को हुई थी।
कितने लोग इस मामले में आरोपी हैं?
इस मामले में कुल 30 लोग आरोपी हैं।
क्या सभी आरोपी अदालत में पेश हुए हैं?
नहीं, 24 आरोपी फरार हैं और अदालत में पेश नहीं हुए हैं।
सरकार ने फरार आरोपियों के लिए क्या किया है?
सरकार ने फरार आरोपियों के लिए चार वकीलों की नियुक्ति की है।
क्या अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था?
हां, अदालत ने 30 जुलाई को 26 लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।