क्या बांग्लादेश में बिगड़ते मानवाधिकार संकट के बीच पिछले एक साल में 111 लोगों की हत्या हुई?

सारांश
Key Takeaways
- बांग्लादेश में 111 लोग भीड़ हिंसा में मारे गए।
- मानवाधिकार संकट पर विशेषज्ञों ने चर्चा की।
- संस्थागत सुधारों की आवश्यकता है।
- पत्रकारों पर हमले बढ़ रहे हैं।
- जवाबदेही तंत्र की कमी चिंताजनक है।
ढाका, 9 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पिछले एक साल में बांग्लादेश में भीड़ के हमलों में कम से कम 111 लोग मारे गए हैं। स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, विशेषज्ञों ने गुरुवार को देश में बढ़ते मानवाधिकार संकट पर विचार-विमर्श किया।
'संक्रमण में मानवाधिकार': विद्रोहोत्तर बांग्लादेश में जवाबदेही, संस्थाएं और नाजुकता' शीर्षक से आयोजित एक गोलमेज चर्चा में, विभिन्न विद्वानों, नागरिक समाज के प्रतिनिधियों और अधिकार रक्षकों ने देश में मानवाधिकारों की रक्षा के लिए तत्काल संस्थागत सुधारों और अधिक जवाबदेही की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।
यह कार्यक्रम ढाका में शोध-आधारित मानवाधिकार थिंक टैंक सप्रान (शोकोल प्राणेर निरपोट्टा) द्वारा आयोजित किया गया था, जिसकी स्थापना जुलाई 2024 के प्रदर्शनों के बाद की गई थी।
प्रमुख बांग्लादेशी दैनिक ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, चर्चा में भाग लेने वालों ने प्रभावशाली न्याय और जवाबदेही तंत्र की कमी की समस्या पर प्रकाश डाला है, जिसने भीड़ हिंसा, डिजिटल सतर्कता और देश की न्याय संस्थाओं में जनता के विश्वास में कमी को बढ़ावा दिया है।
रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त 2024 और जुलाई 2025 के बीच पत्रकारों पर 496 हमले, 195 मॉब लिंचिंग और बच्चों के खिलाफ हिंसा के 640 मामले सामने आए। इसके अलावा, 34 लोग मारे गए और 2,000 से ज्यादा लोगों को सीमा पार धकेला गया, 24 हमलों में मूल निवासियों को निशाना बनाया गया, 35 लोगों की न्यायेतर हत्या की गई, 45 लोगों की मौत हुई और 300 लोग श्रम अधिकारों के उल्लंघन के कारण घायल हुए, जिससे कुल हत्याओं की संख्या 2,878 तक पहुंच गई।
मानवाधिकार कार्यकर्ता मोसफिकुर रहमान जोहान ने इस बात पर बल दिया कि न्यायेतर हत्याएं और मृत्युदंड, जो अक्सर उचित कानूनी रिकॉर्ड के बिना किए जाते हैं, प्रमुख चिंता का विषय बने हुए हैं।