क्या बांग्लादेश में लोकतंत्र बहाल हुआ है? बीएनपी की चिंता

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क्या बांग्लादेश में लोकतंत्र बहाल हुआ है? बीएनपी की चिंता

सारांश

बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने लोकतंत्र की स्थिति को लेकर चिंता जताई है। पार्टी के नेताओं ने स्वतंत्र चुनाव की अनिश्चितता और आंतरिक साजिशों की चर्चा की है। क्या बांग्लादेश में लोकतंत्र का भविष्य सुरक्षित है? जानिए इस रिपोर्ट में।

Key Takeaways

  • लोकतंत्र की स्थिति में सुधार की आवश्यकता है।
  • स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनावों की अनिश्चितता।
  • राजनीतिक दलों के बीच साजिशों की चर्चा।
  • आगामी चुनाव में पीआर प्रणाली को लागू करने की चुनौतियां।
  • सरकार फरवरी में चुनाव कराने के लिए तैयार है।

ढाका, 21 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने कहा है कि देश में लोकतंत्र अभी पूरी तरह से बहाल नहीं हुआ है और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव भी नहीं हो पाए हैं। यह जानकारी स्थानीय मीडिया ने गुरुवार को दी।

बुधवार को ढाका में बीएनपी के मुख्य कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी के वरिष्ठ संयुक्त महासचिव रूहुल कबीर रिजवी ने कहा, "हमारा काम अभी खत्म नहीं हुआ है। लोकतंत्र अभी पूरी तरह से बहाल नहीं हुआ है। इसे बहाल करने के लिए हमें और भी कठिन रास्ते से गुजरना पड़ सकता है। हमारी पार्टी और राष्ट्रवादी ताकतों के सभी नेता और कार्यकर्ता तैयार हैं।"

बांग्लादेश के प्रमुख दैनिक 'जुगांतर' ने बीएनपी नेता के शब्दों में लिखा, "हमारे देश में अभी भी स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित नहीं हुए हैं। हमें कई तरह की साजिशों और मास्टर प्लान के बारे में पता चलता है।"

इस बीच, बीएनपी के वरिष्ठ नेता नजरुल इस्लाम खान ने कहा कि कुछ राजनीतिक दलों की मांग, जो अगले राष्ट्रीय चुनाव में आनुपातिक प्रतिनिधित्व (पीआर) प्रणाली लागू करने की है, अवास्तविक और संदिग्ध है।

खान ने कहा, "जब इस मामले (पीआर) पर इतना जोर दिया जाता है, तो शक होता है कि यह एक गलत कोशिश हो सकती है, जिससे चुनाव कराने पर बुरा असर पड़ सकता है।"

उन्होंने कहा कि अगले चुनाव में पीआर लागू करने के लिए संविधान में बदलाव करना होगा, जो चुनाव से पहले संभव नहीं है।

उन्होंने कहा, "अगर आप पीआर प्रणाली लागू करने पर सहमत भी हो जाएं, तो भी इसे आने वाले चुनाव में लागू नहीं किया जा सकता, क्योंकि इसके लिए पहले संविधान में बदलाव करना होगा। यह काम केवल संसद ही कर सकती है, इसलिए अगर इसे लागू करना है, तो यह अगले चुनाव में ही संभव होगा।"

दूसरी ओर, कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी जमात-ए-इस्लामी ने संसद के दोनों सदनों में पीआर प्रणाली लागू करने की मांग की है और हाल ही में इस मांग को लेकर आंदोलन शुरू करने की धमकी दी है।

19 अगस्त को, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के कानूनी सलाहकार आसिफ नजरूल ने दोहराया कि आम चुनाव अगले साल फरवरी में कराए जाएंगे।

चुनाव को लेकर चल रही उलझन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सरकार फरवरी में चुनाव कराने के लिए पूरी तरह तैयार है।

Point of View

यह जरूरी है कि हम देश के लोकतांत्रिक मूल्यों का संरक्षण करें। बीएनपी की चिंताओं को गंभीरता से लेना चाहिए, क्योंकि लोकतंत्र का हनन किसी भी देश के लिए विनाशकारी हो सकता है।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

बांग्लादेश में लोकतंत्र की स्थिति क्या है?
बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के अनुसार, लोकतंत्र पूरी तरह से बहाल नहीं हुआ है और स्वतंत्र चुनाव की अनिश्चितता बनी हुई है।
बीएनपी ने चुनावों के बारे में क्या कहा?
बीएनपी के नेताओं का मानना है कि चुनावों में स्वतंत्रता और निष्पक्षता की कमी है और कई साजिशें चल रही हैं।
क्या अगले चुनाव में पीआर प्रणाली लागू होगी?
बीएनपी के अनुसार, पीआर प्रणाली लागू करने के लिए संविधान में बदलाव करना होगा, जो चुनाव से पहले संभव नहीं है।