क्या बीएनपी की जीत सुनिश्चित है, या जमात चुनावों में धांधली करेगी?

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क्या बीएनपी की जीत सुनिश्चित है, या जमात चुनावों में धांधली करेगी?

सारांश

बांग्लादेश में चुनावों की तैयारी के बीच, वित्तीय संकट और राजनीतिक असुरक्षा ने स्थिति को संवेदनशील बना दिया है। क्या बीएनपी चुनाव जीत पाएगी, या जमात चुनावों में धांधली करने की योजना बना रही है? जानिए हर पहलू के बारे में।

Key Takeaways

  • बांग्लादेश में चुनाव फरवरी 2026 में होंगे।
  • बीएनपी और जमात के बीच गठबंधन की संभावना।
  • चुनावों में हिंसा की आशंका।
  • अवामी लीग की अनुपस्थिति।
  • आईएसआई की गतिविधियां बढ़ रही हैं।

नई दिल्ली, 23 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भयंकर वित्तीय संकट से जूझ रहे बांग्लादेश को चुनावी प्रक्रिया के लिए तैयार किया जा रहा है। अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने विशेष अमेरिकी दूत सर्जियो गोर के साथ बैठक में यह आश्वासन दिया कि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष होंगे। यूनुस ने गोर को बताया कि ये चुनाव फरवरी 2026 में होंगे और देश इसके लिए पूरी तरह तैयार है।

हालांकि, यूनुस ने गोर को चुनावों के बारे में आश्वस्त किया, लेकिन बांग्लादेश के राजनीतिक वर्ग और आम जनता में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के प्रति संदेह बना हुआ है। भारतीय खुफिया एजेंसियों की रिपोर्टों में कहा गया है कि चुनावों से पहले व्यापक हिंसा की आशंका है, क्योंकि कोई भी दल इस प्रक्रिया को लेकर आश्वस्त नहीं है।

भारतीय अधिकारियों का कहना है कि समस्या जमात-ए-इस्लामी से जुड़ी है। संकेत मिल रहे हैं कि जमात चुनाव को नियंत्रित कर सकती है और इसमें धांधली भी कर सकती है। अवामी लीग की अनुपस्थिति में जनमत सर्वेक्षणों ने संकेत दिया कि बीएनपी चुनाव जीतेगी। हालांकि, बीएनपी को अपनी सरकार बनाने के लिए जमात के समर्थन की आवश्यकता हो सकती है।

जमात का समर्थन करने वाली आईएसआई चाहती है कि वह सरकार में वरिष्ठ भागीदार बने, जिससे चुनावों की निष्पक्षता पर संदेह पैदा हो गया है। यदि जमात को लगता है कि वह चुनावों में धांधली नहीं कर पाएगी, तो वह नवगठित नेशनल सिटिजन पार्टी के साथ मिलकर चुनावों को स्थगित करने की कोशिश कर सकती है।

हाल ही में ढाका विश्वविद्यालय के छात्रसंघ चुनाव में जमात की छात्र शाखा, इस्लामी छात्र शिबिर ने भारी जीत हासिल की थी, जिससे चुनावों की निष्पक्षता पर सवाल उठे हैं। बीएनपी ने शिबिर को बधाई दी, लेकिन चुनावों की पारदर्शिता पर सवाल उठाए।

बांग्लादेश पर नज़र रखने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि अवामी लीग के चुनाव से बाहर होने पर बीएनपी की जीत की संभावना है, लेकिन यह तभी संभव होगा जब चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष हों।

आईएसआई, जमात को चुनावों में धांधली करने और वरिष्ठ सहयोगी बनने के लिए प्रेरित कर रही है। अगर यह योजना सफल नहीं होती, तो पाकिस्तान मौजूदा व्यवस्था के साथ काम करना पसंद करेगा।

जमात के समर्थन से, यूनुस ने पाकिस्तान को उसकी उम्मीद से कहीं ज्यादा दिया है। हाल ही में खुफिया ब्यूरो के अधिकारियों ने बताया कि इन घटनाक्रमों से बांग्लादेश में आईएसआई की गतिविधियां बढ़ी हैं।

इन सभी कारकों को देखते हुए, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों पर विश्वास बेहद कम है। बीएनपी के स्थायी समिति के सदस्य सलाहुद्दीन अहमद ने जमात से सवाल किया था कि अगर उसे सत्ता में वापसी का इतना भरोसा है, तो वह चुनाव में बाधा डालने की कोशिश क्यों कर रही है।

Point of View

हमें यह समझना चाहिए कि बांग्लादेश का राजनीतिक माहौल बेहद संवेदनशील है। चुनावों की स्वतंत्रता और निष्पक्षता सुनिश्चित करना आवश्यक है, ताकि लोकतंत्र की रक्षा हो सके।
NationPress
24/09/2025

Frequently Asked Questions

बांग्लादेश में चुनाव कब होंगे?
चुनाव फरवरी 2026 में होंगे।
बीएनपी और जमात के बीच क्या संबंध है?
बीएनपी को चुनाव जीतने के लिए जमात के समर्थन की आवश्यकता हो सकती है।
क्या चुनाव निष्पक्ष होंगे?
बांग्लादेश के राजनीतिक माहौल के कारण चुनावों की निष्पक्षता पर संदेह है।