क्या बांग्लादेश में सियासी टकराव के चलते चुनाव टल गए हैं? अवामी लीग की स्थिति पर संकट!

सारांश
Key Takeaways
- बांग्लादेश की चुनावी स्थिति में अनिश्चितता बनी हुई है।
- बीएनपी को वर्तमान में सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा है।
- अवामी लीग की राजनीतिक स्थिति अब भी स्पष्ट नहीं है।
- जनता का भरोसा सुरक्षा तंत्र पर उठ चुका है।
- अंतरिम सरकार की जवाबदेही और सुधार आवश्यक हैं।
नई दिल्ली, 9 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने यह स्पष्ट किया है कि देश में अगले वर्ष चुनावअनिश्चितताबांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) को इस समय सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा है।
बीएनपी चाहती थी कि चुनाव दिसंबर 2025 से पहले कराए जाएं, लेकिन अंतरिम सरकार का कहना है कि आवश्यक सुधारों के लिए अगले वर्ष अप्रैल तक समय लगेगा। यूनुस और बीएनपी के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान के बीच हुई बैठक में सहमति बनी कि चुनाव फरवरी 2026 तक हो सकते हैं। यूनुस का स्पष्ट कहना है कि जब तक संवैधानिक, न्यायिक स्वतंत्रता, प्रेस स्वतंत्रता और चुनावी प्रक्रिया में सुधार नहीं होते, तब तक चुनाव नहीं होंगे।
भारत भी इस पूरे घटनाक्रम पर ध्यान दे रहा है और बार-बार कह रहा है कि बांग्लादेश में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार होनी चाहिए। सवाल यह है कि क्या फरवरी 2026 से पहले सभी सुधार पूरे हो पाएंगे।
शेख हसीना का सत्ता से बाहर होना छात्रों के बड़े आंदोलन के कारण हुआ, जिसमें सुरक्षा बलों ने बल प्रयोग किया था। जनता की पहली मांग है कि हसीना के वफादार सुरक्षा अधिकारियों को न्याय के कटघरे में लाया जाए।
अवामी लीग का कहना है कि इन मामलों में दर्ज मुकदमे राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि जनता का सुरक्षा तंत्र से भरोसा उठ चुका है। यही अविश्वास रोजाना हिंसा और अराजकता को बढ़ावा दे रहा है। सेना भी हालात को संभालने में सतर्क रवैया अपना रही है, जिससे कानून-व्यवस्था बिगड़ रही है।
इसी बीच, अवामी लीग चुनाव लड़ेगी या नहीं, यह अभी तय नहीं है। देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ए.एम.एम. नासिरुद्दीन ने कहा है कि जब तक अंतरिम सरकार या न्यायपालिका प्रतिबंध नहीं लगाती, अवामी लीग चुनाव लड़ सकती है। लेकिन यूनुस, बीएनपी, जमात-ए-इस्लामी और नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) सभी इस पार्टी के खिलाफ हैं। अगर अवामी लीग पर पाबंदी लगती है, तो उसके मजबूत जनाधार के कारण बड़े पैमाने पर हिंसा की आशंका है।
अंतरिम सरकार का मानना है कि चुनाव से पहले दोषियों को सजा और सुरक्षा बलों की जवाबदेही तय करना जरूरी है। अगर अवामी लीग पर रोक लगी, तो बीएनपी की भारी जीत तय मानी जा रही है, लेकिन लंबे समय से सत्ता से बाहर रहने के बाद उसका शासन तानाशाही की ओर झुक सकता है।