क्या बांग्लादेश में एक और पत्रकार पर जानलेवा हमला हुआ?

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क्या बांग्लादेश में एक और पत्रकार पर जानलेवा हमला हुआ?

सारांश

बांग्लादेश के कुस्टिया में पत्रकार फिरोज अहमद पर हुए जानलेवा हमले ने मीडिया की सुरक्षा की चिंताओं को और बढ़ा दिया है। यह घटना एक बढ़ती हुई हिंसा की श्रृंखला में नवीनतम कड़ी है। जानें इस घटना के पीछे की कहानी और इसके संभावित परिणाम।

Key Takeaways

  • बांग्लादेश में पत्रकारों पर बढ़ते हमले सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता का विषय हैं।
  • फिरोज अहमद पर हमला एक नई हिंसा की लहर का हिस्सा है।
  • पुलिस को इस मामले में शीघ्र कार्रवाई करनी चाहिए।

ढाका, 11 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश के कुस्टिया जिले में सोमवार को एक स्थानीय पत्रकार पर हथौड़ों, रॉड और ईंटों से हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया गया। स्थानीय मीडिया के अनुसार, यह घटना मीरपुर उपजिला में हुई, जहां ‘दैनिक आज के सूत्रपात’ के संवाददाता और उपजिला प्रेस क्लब के संयुक्त महासचिव फिरोज अहमद पर यह हमला किया गया।

यह अगस्त में पत्रकारों पर हमले की चौथी घटना है, जो देश में मीडिया कर्मियों के खिलाफ बढ़ती हिंसा को दर्शाती है।

मीरपुर थाने के प्रभारी मोमिनुल इस्लाम ने बताया कि अभी तक कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है, लेकिन पुलिस मामले की जांच कर दोषियों को गिरफ्तार करने का प्रयास कर रही है।

पीड़ित के परिवार और स्थानीय लोगों के मुताबिक, कुछ दिन पहले फिरोज और मुख्य आरोपी मिलन के परिवारों में बच्चों के बीच झगड़े को लेकर विवाद हुआ था। सोमवार सुबह मिलन अपने चार-पांच साथियों के साथ मस्जिद जाते समय फिरोज पर घात लगाकर टूट पड़ा।

गंभीर हालत में स्थानीय लोग उन्हें उपजिला स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां से उन्हें कुस्टिया जनरल अस्पताल रेफर कर दिया गया। अस्पताल के रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर हुसैन इमाम ने बताया कि फिरोज के सिर और पैरों में गंभीर चोटें आई हैं।

यह हमला ऐसे समय हुआ है जब एक दिन पहले ललमनीरहाट जिले में एक स्थानीय पत्रकार और उनकी मां पर भी बदमाशों ने हमला किया था। पीड़ित हेलाल हुसैन कबीर (32), साप्ताहिक ‘आलोरमनि’ के कार्यकारी संपादक हैं।

इसके अलावा, 7 अगस्त को गाजीपुर जिले में एक पत्रकार की सरेआम हत्या कर दी गई थी, जब उन्होंने सोशल मीडिया पर स्थानीय दुकानदारों और ठेलेवालों से वसूली का मामला उजागर किया था। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था।

6 अगस्त को भी गाजीपुर के साहापारा इलाके में एक अन्य पत्रकार अनवर हुसैन सौरव को दिनदहाड़े पुलिस की मौजूदगी में ही वसूलीखोरों ने बुरी तरह पीटा था।

बता दें कि यूनुस सरकार के तहत बांग्लादेश में पत्रकारों और समाज के अन्य वर्गों पर हमलों की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। पिछले महीने, अवामी लीग ने बताया था कि 51 पत्रकारों ने हत्या, यातना और उत्पीड़न की घटनाओं पर गंभीर चिंता जताई है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि पत्रकारिता की सुरक्षा एक प्राथमिकता होनी चाहिए। बांग्लादेश में हमले की यह श्रृंखला केवल पत्रकारों के लिए ही नहीं, बल्कि लोकतंत्र के लिए भी एक गंभीर चिंता का विषय है। सरकार को इस पर कड़ा कदम उठाना चाहिए।
NationPress
11/08/2025

Frequently Asked Questions

बांग्लादेश में पत्रकारों पर हमले की स्थिति क्या है?
बांग्लादेश में पत्रकारों पर हमले की घटनाएं बढ़ रही हैं, जो मीडिया की स्वतंत्रता के लिए खतरा है।
फिरोज अहमद की हालत कैसी है?
फिरोज अहमद की हालत गंभीर है और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पुलिस इस मामले में क्या कर रही है?
पुलिस मामले की जांच कर रही है और दोषियों को गिरफ्तार करने का प्रयास कर रही है।