क्या भारत-अमेरिका के बीच रक्षा खरीद जारी रहेगी?

सारांश
Key Takeaways
- भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी द्विपक्षीय रिश्तों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
- अमेरिकी रक्षा नीति टीम जल्द ही नई दिल्ली का दौरा करेगी।
- रक्षा सहयोग सभी क्षेत्रों में मजबूत हो रहा है।
- युद्ध अभ्यास का आयोजन इस माह के अंत में अलास्का में होगा।
- भारत ने अमेरिकी शुल्क को अनुचित बताया है।
नई दिल्ली, 14 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारत ने आज कहा कि भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी द्विपक्षीय संबंधों का एक महत्वपूर्ण आधार है और इसी सिलसिले में जल्द ही एक अमेरिकी रक्षा नीति टीम नई दिल्ली का दौरा करेगी। दोनों देश अपनी व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को निरंतर मजबूत कर रहे हैं।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग सभी क्षेत्रों में मजबूत हुआ है और रक्षा खरीद प्रक्रिया स्थापित प्रक्रियाओं के अनुसार जारी है।
साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने बताया कि भारत-अमेरिका संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘युद्ध अभ्यास’ का आयोजन इस माह के अंत में अलास्का में किया जाएगा।
उन्होंने कहा, "भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी, जो आधारभूत रक्षा समझौतों पर आधारित है, हमारे द्विपक्षीय रिश्तों का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। यह सहयोग सभी क्षेत्रों में मजबूत हुआ है। हमें उम्मीद है कि मध्य अगस्त में अमेरिकी रक्षा नीति टीम दिल्ली आएगी। इसके अलावा, इस माह के अंत में कार्य-स्तर पर 2+2 इंटरसेशनल बैठक आयोजित करने पर भी बातचीत जारी है।"
जायसवाल ने कहा कि भारत-अमेरिका साझेदारी ने कई बदलावों और चुनौतियों का सामना करते हुए मजबूती से कदम बढ़ाए हैं। दोनों देशों के रिश्ते साझा हितों, लोकतांत्रिक मूल्यों और मजबूत जन-से-जन संबंधों पर आधारित हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह साझेदारी आपसी सम्मान और साझा हितों के आधार पर आगे बढ़ती रहेगी।
यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस महीने की शुरुआत में भारत द्वारा रूसी तेल के आयात पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क बढ़ाने का ऐलान किया था। यह बढ़ोतरी 20 जुलाई से लागू 25 प्रतिशत शुल्क के अतिरिक्त है।
अमेरिका के इस कदम पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने इसे "अनुचित, अन्यायपूर्ण और अव्यवहारिक" करार दिया था और कहा था कि भारत की ऊर्जा जरूरतों और रणनीतिक स्वायत्तता का सम्मान किया जाना चाहिए।