क्या ईमानदारी के साथ चुनाव कराना हमारे राष्ट्रीय संकल्प का प्रतीक है? : ज्ञानेश कुमार

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क्या ईमानदारी के साथ चुनाव कराना हमारे राष्ट्रीय संकल्प का प्रतीक है? : ज्ञानेश कुमार

सारांश

क्या चुनावों में ईमानदारी के साथ कार्य करना हमारी राष्ट्रीय प्राथमिकता है? मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने अंतरराष्ट्रीय डेलिगेशन के साथ बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की। जानिये इस महत्वपूर्ण वार्ता के बारे में और भारत की चुनावी प्रक्रिया की विशेषताओं के बारे में।

Key Takeaways

  • भारत की चुनावी प्रक्रिया में ईमानदारी का महत्व है।
  • इंटरनेशनल आईडीईए के साथ सहयोग बढ़ रहा है।
  • चुनावों में ट्रांसपेरेंसी और ऑडिट की प्रक्रिया लागू है।
  • 2024 के आम चुनावों में 743 राजनीतिक पार्टियों ने भाग लिया।
  • चुनावी प्रक्रिया में ईवीएम का महत्वपूर्ण योगदान है।

नई दिल्ली, 10 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू और विवेक जोशी के साथ इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर डेमोक्रेसी एंड इलेक्टोरल असिस्टेंस (आईडीईए) के डेलिगेशन से मुलाकात की।

इस डेलिगेशन का नेतृत्व आईडीईए के महासचिव केविन कैसास जमोरा कर रहे थे। उनके साथ चीफ ऑफ स्टाफ जेसिका केहेस और सचिव (पश्चिम) सिबी जॉर्ज भी मौजूद थे।

यह पहल सीईसी के जून में स्टॉकहोम इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन इलेक्टोरल इंटीग्रिटी में की-नोट एड्रेस देने के कुछ महीने बाद हुई है।

इंटरनेशनल आईडीईए द्वारा होस्ट किए गए इस ग्लोबल फोरम में बोलते हुए, सीईसी ने आयोग की ईमानदारी से चुनाव कराने और इलेक्शन मैनेजमेंट बॉडीज (ईएमबी) के लिए ग्लोबल कैपेसिटी-बिल्डिंग पहलों को सपोर्ट करने की प्रतिबद्धता को फिर से दोहराया।

इस कॉन्फ्रेंस में लगभग 50 देशों के ईएमबी का प्रतिनिधित्व करने वाले 100 से ज्यादा प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।

उन्होंने कहा कि पूरी ईमानदारी के साथ चुनाव कराना हमारे राष्ट्रीय संकल्प का सबूत है। साथ ही, उन्होंने चुनावी तरीकों में ईसीआई की ग्लोबल लीडरशिप पर भी जोर दिया।

भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर जोर देते हुए कुमार ने कहा कि भारत में चुनाव राजनीतिक पार्टियों, उम्मीदवारों, ऑब्जर्वर, मीडिया और कानून लागू करने वाली एजेंसियों की निगरानी में होते हैं, जिससे हर स्टेज पर ऑडिट जैसी ट्रांसपेरेंसी बनी रहती है।

उन्होंने कहा कि आम चुनावों के दौरान, चुनाव आयोग 2 करोड़ से ज्यादा लोगों को इकट्ठा करता है, जिसमें पोलिंग स्टाफ, पुलिस, ऑब्जर्वर और पॉलिटिकल एजेंट शामिल होते हैं।

भारत की चुनावी प्रक्रिया के विकास के बारे में बताते हुए कुमार ने संवैधानिक मूल्यों से जुड़े रहते हुए बढ़ती मुश्किलों के हिसाब से ढलने की कमीशन की क्षमता पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि 1951-52 में 173 मिलियन वोटर्स से लेकर 2024 में 979 मिलियन तक और शुरुआती सालों में सिर्फ 0.2 मिलियन पोलिंग स्टेशनों से लेकर आज 1.05 मिलियन से ज्यादा तक, भारत की चुनावी यात्रा ने इंस्टीट्यूशनल दूरदर्शिता और बेमिसाल पैमाना दिखाया है।

उन्होंने कहा कि 2024 के आम चुनावों में 743 राजनीतिक पार्टियों ने हिस्सा लिया। इनमें 6 राष्ट्रीय और 67 राज्य स्तरीय पार्टियां और 20 हजार से ज्यादा उम्मीदवार शामिल थे। उन्होंने आगे कहा कि इस प्रक्रिया में 6.2 मिलियन इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) का इस्तेमाल किया गया।

Point of View

बल्कि पूरे देश की जिम्मेदारी है कि हम चुनावों को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाए रखें।
NationPress
27/12/2025

Frequently Asked Questions

आईडीईए क्या है?
आईडीईए (International Institute for Democracy and Electoral Assistance) एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो लोकतंत्र और चुनावी प्रक्रियाओं में सुधार के लिए काम करता है।
भारत में चुनाव कैसे होते हैं?
भारत में चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से होते हैं, जिसमें राजनीतिक पार्टियों, उम्मीदवारों, और चुनाव आयोग की निगरानी होती है।
क्या भारत में चुनावों में ईमानदारी सुनिश्चित की जाती है?
हाँ, भारत में चुनावों में ईमानदारी सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय किए जाते हैं, जैसे ऑडिट और पारदर्शिता प्रक्रियाएँ।
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