क्या भारत-नेपाल मित्रता को और मजबूत करेगा नेपाली सेना को दिया गया टारगेट प्रैक्टिस ड्रोन?

सारांश
Key Takeaways
- भारत और नेपाल के बीच रक्षा सहयोग में वृद्धि।
- टारगेट प्रैक्टिस ड्रोन का महत्व।
- सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों की मजबूती।
- संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘सूर्य किरण’ का सफल आयोजन।
- भारतीय सेना का निरंतर सहयोग।
नई दिल्ली, 1 सितंबर (राष्ट्र प्रेस) भारतीय सेना और नेपाली सेना के बीच रक्षा सहयोग और आपसी विश्वास को और भी मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। नेपाल के साथ अपने संबंधों को बनाए रखते हुए, भारतीय सेना ने टारगेट प्रैक्टिस ड्रोन और ग्राउंड सपोर्ट उपकरण नेपाली सेना को प्रदान किए हैं। इस अवसर पर एक विशेष समारोह का आयोजन किया गया।
सेना के अनुसार, यह कार्यक्रम सोनौली के इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट पर आयोजित किया गया। भारतीय सेना ने नेपाली सेना को यहाँ छह टारगेट प्रैक्टिस ड्रोन सौंपे। यह ध्यान देने योग्य है कि ये सभी ड्रोन स्वदेशी तकनीक से निर्मित हैं। इन उपकरणों का निर्माण भारत में ही किया गया है।
इस अवसर पर भारतीय सेना ने आश्वासन दिया कि वह नेपाली सेना की क्षमता वृद्धि और आपसी सहयोग को निरंतर समर्थन देती रहेगी। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह पहल दोनों मित्र देशों के बीच गहरे होते सैन्य संबंधों और भाईचारे की एक मिसाल है।
ध्यान देने योग्य बात यह है कि भारतीय थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी पहले ही नेपाल की आधिकारिक यात्रा कर चुके हैं। वहीं, नेपाली सेनाध्यक्ष ने भी भारत की यात्रा की है। इन सैन्य प्रमुखों की यात्राओं ने दोनों देशों के बीच मजबूत रक्षा सहयोग, सांस्कृतिक संबंध और एक-दूसरे के प्रति सम्मान को बढ़ावा दिया है। यह परस्पर सहयोग क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और साझेदारी बढ़ाने के लिए भारत और नेपाल की सेनाओं की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
नेपाल यात्रा के दौरान थल सेनाध्यक्ष ने नेपाल के राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व के साथ व्यापक चर्चाएँ कीं। नेपाल में उन्होंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री के साथ उच्च स्तरीय बैठकें कीं। नेपाली सेनाध्यक्ष जनरल अशोक राज सिगडेल और अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के साथ उनकी सार्थक चर्चाएँ भी हुईं। भारतीय थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी को नेपाल के राष्ट्रपति ने काठमांडू के शीतल निवास में नेपाली सेना के जनरल की मानद उपाधि से भी सम्मानित किया है। यह एक विशिष्ट परंपरा है जो भारतीय और नेपाली सेनाओं के बीच गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को दर्शाती है।
इसके अतिरिक्त, दोनों देशों की सेनाओं ने इस वर्ष संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘सूर्य किरण’ भी सफलतापूर्वक पूरा किया है। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य जंगल युद्ध में संयुक्त प्रशिक्षण और पर्वतीय क्षेत्रों में आतंकवाद-रोधी अभियानों में सहयोग बढ़ाना था। इसके अलावा, मानवीय सहायता एवं आपदा राहत अभियानों में संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत बेहतर तैयारी का अभ्यास भी किया गया। ये सभी गतिविधियाँ भारत-नेपाल के बीच गहरी मित्रता, आपसी विश्वास और साझा सांस्कृतिक रिश्तों को मजबूत करती हैं। साथ ही, तकनीक, उपकरणों और अनुभवों का आदान-प्रदान दोनों देशों की सेनाओं के बीच निरंतर साझेदारी और व्यापक रक्षा सहयोग का स्पष्ट प्रतीक है।