क्या भूटान में पवित्र बुद्ध अवशेषों के लिए विदाई समारोह आयोजित किया गया?

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क्या भूटान में पवित्र बुद्ध अवशेषों के लिए विदाई समारोह आयोजित किया गया?

सारांश

भूटान में आयोजित विदाई समारोह ने दिखाया कि किस प्रकार धार्मिक श्रद्धा और दोस्ती दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों की नींव रखते हैं। इस समारोह में भूटान के प्रमुख नेता और भारत के मंत्री शामिल हुए, जो द्विपक्षीय संबंधों के महत्व को रेखांकित करता है।

Key Takeaways

  • भूटान ने पारंपरिक प्रार्थना के साथ भगवान बुद्ध के अवशेषों को विदाई दी।
  • इस समारोह में भारत और भूटान के प्रमुख नेता उपस्थित थे।
  • विदाई समारोह ने दोनों देशों के बीच दोस्ती और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूती दी।

थिम्पू, 25 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भूटान ने मंगलवार सुबह पारंपरिक प्रार्थना और समारोह के माध्यम से थिम्पू के ग्रैंड कुएनरे हॉल में रखे भारत से लाए गए भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों को विदाई दी।

इस अवसर पर केंद्रीय संसदीय और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरन रिजिजू, भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक, भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे, सेंट्रल मॉनेस्टिक बॉडी के लेत्शोग लोपेन, भूटान के गृह और स्वास्थ्य मंत्री तथा भारत और भूटान के सम्मानित भिक्षु उपस्थित थे।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए रिजिजू ने लिखा, "ग्रैंड कुएनरे हॉल, थिम्पू में 8 नवंबर 2025 से रखे गए पवित्र बुद्ध अवशेषों को आज सुबह पारंपरिक प्रार्थना और समारोह के साथ विदाई दी गई, जिसमें भूटान के राजा, भूटान के प्रधानमंत्री, सेंट्रल मॉनेस्टिक बॉडी के लेत्शोग लोपेन, भूटान के गृह मंत्री, भूटान के स्वास्थ्य मंत्री और भारत और भूटान के सम्मानित भिक्षु शामिल हुए।"

ताशिछोद्ज़ोंग के ग्रैंड कुएनरे हॉल में रखी भारत की निशानियों को, चौथे राजा की 70वीं जयंती और भूटान की रॉयल सरकार द्वारा आयोजित ग्लोबल पीस प्रेयर फेस्टिवल के सम्मान में, भारत के लोगों की तरफ से भूटान को एक खास इशारे के तौर पर प्रदर्शनी के लिए भेजा गया था।

रिजिजू सोमवार को भूटान पहुंचे और भगवान बुद्ध की पवित्र निशानियों को पड़ोसी देश में सार्वजनिक प्रदर्शन के बाद भारत वापस लाने में मदद करने वाले डेलीगेशन का नेतृत्व किया।

अपनी यात्रा के दौरान, केंद्रीय मंत्री ने भूटान के राजा वांगचुक से भी मुलाकात की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से उन्हें हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उन्होंने पवित्र बुद्ध की निशानियों के लिए भूटान के लोगों द्वारा दिखाई गई श्रद्धा के लिए आभार व्यक्त किया।

रिजिजू ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में बताया, "महामहिम राजा ने थिम्पू में पवित्र बुद्ध अवशेषों की प्रदर्शनी और इस महीने की शुरुआत में भारत के प्रधानमंत्री के भूटान दौरे के लिए धन्यवाद दिया।"

उन्होंने प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे के साथ भी मीटिंग की, जिसमें भारत-भूटान दोस्ती की मजबूती और दोनों देशों द्वारा बनाए रखे जा रहे साझा मूल्यों पर चर्चा की गई।

मीटिंग के बाद, केंद्रीय मंत्री ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, "भूटान के प्रधानमंत्री दाशो शेरिंग तोबगे से मिलकर बहुत खुशी हुई। इस बातचीत ने भारत-भूटान दोस्ती की गहराई और उन मूल्यों को दिखाया जिन्हें हम साथ मिलकर बनाए रखते हैं। पवित्र बुद्ध अवशेषों के प्रति भूटान की सच्ची श्रद्धा से बहुत प्रभावित हुआ, जो हमारे लोगों के बीच सद्भाव और संबंध को प्रेरित करते रहते हैं।"

Point of View

जो हमारे लिए एक प्रेरणा है।
NationPress
25/11/2025

Frequently Asked Questions

भूटान में विदाई समारोह कब आयोजित किया गया?
विदाई समारोह 25 नवंबर को आयोजित किया गया।
इस समारोह में कौन-कौन से प्रमुख नेता उपस्थित थे?
इस समारोह में केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू, भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक, और भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे उपस्थित थे।
भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों को भूटान क्यों भेजा गया था?
भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों को भूटान भेजा गया था ताकि भूटान के लोगों को धार्मिक श्रद्धा के साथ प्रदर्शित किया जा सके।
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