क्या किरेन रिजिजू भूटान की पवित्र बुद्ध अवशेषों के प्रति श्रद्धा से प्रभावित हैं?
सारांश
Key Takeaways
- किरेन रिजिजू की भूटान यात्रा महत्वपूर्ण है।
- पवित्र बुद्ध अवशेषों की वापसी एक महत्वपूर्ण कदम है।
- भारत और भूटान के बीच गहरे आध्यात्मिक संबंध हैं।
थिंपू, २४ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय संसदीय एवं अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू इस समय भूटान के दौरे पर हैं। वह सोमवार को भूटान के पारो हवाई अड्डे पर पहुंचे।
अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने भूटान के प्रधानमंत्री दाशो शेरिंग तोबगे से चर्चा की।
इस अवसर पर उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर साझा किया कि भूटान के राजाब से मिलने का मुझे गर्व हो रहा है। मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शुभकामनाएं भेजी और भूटान के लोगों की पवित्र बुद्ध अवशेषों के प्रति श्रद्धा के लिए धन्यवाद किया। साथ ही, भारत और भूटान के बीच के गहरे आध्यात्मिक संबंधों की सराहना की, और वैश्विक शांति प्रार्थना महोत्सव की सफलता पर भूटान के नेतृत्व को बधाई दी।
उन्होंने कहा कि भूटान के राजा ने थिम्पू में पवित्र बुद्ध अवशेषों की प्रदर्शनी और इस महीने की शुरुआत में भारत के प्रधानमंत्री की भूटान यात्रा के लिए आभार जताया।
इससे पहले, किरेन रिजिजू ने कहा कि उन्होंने भूटान के प्रधानमंत्री से मिलकर प्रसन्नता व्यक्त की।
इस मुलाकात ने भारत-भूटान की मित्रता के गहरे मूल्यों को उजागर किया, जिन्हें हम मिलकर बनाए रखते हैं।
उन्होंने कहा कि पवित्र बुद्ध अवशेषों के प्रति भूटान की सच्ची श्रद्धा से मैं बहुत प्रभावित हूं, जो हमारे लोगों के बीच सद्भाव और जुड़ाव को प्रेरित करते हैं।
गौरतलब है कि किरेन रिजिजू की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों को भारत वापस लाने के लिए भूटान पहुंचा है, जिन्हें सार्वजनिक प्रदर्शनी के लिए भूटान लाया गया था।
इससे पहले, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने सोशल मीडिया पर लिखा कि वह भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों (जो नई दिल्ली के नेशनल म्यूजियम में रखे हैं) की वापसी के लिए भूटान जा रहे हैं, जिन्हें प्रदर्शनी के लिए लाया गया था।