क्या नीदरलैंड में बीएनएम ने बलूचिस्तान में पाकिस्तान के दमन के खिलाफ विरोध रैली निकाली?

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क्या नीदरलैंड में बीएनएम ने बलूचिस्तान में पाकिस्तान के दमन के खिलाफ विरोध रैली निकाली?

सारांश

नीदरलैंड में बीएनएम ने बलूचिस्तान में पाकिस्तानी दमन के खिलाफ एक महत्वपूर्ण रैली आयोजित की। क्या यह वैश्विक मानवाधिकार स्थिति को प्रभावित करेगा? जानें इस लेख में।

Key Takeaways

  • बीएनएम ने नीदरलैंड में रैली आयोजित की।
  • मानवाधिकार उल्लंघन पर प्रकाश डाला गया।
  • प्रदर्शनकारियों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की।
  • बलूचिस्तान में जबरन गायब होने की घटनाएं बढ़ी हैं।
  • महिलाएं भी सुरक्षाबलों का शिकार हो रही हैं।

हेग, 13 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बलूच नेशनल मूवमेंट (बीएनएम) ने नीदरलैंड के हेग में डच पार्लियामेंट के बाहर एक विरोध रैली आयोजित की। इस प्रदर्शन के दौरान पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा बलूचिस्तान में मानवाधिकार के उल्लंघन की गंभीर स्थिति पर ध्यान आकर्षित किया गया।

अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर आयोजित इस रैली में तख्तियां और बैनर शामिल थे, जिनमें बलूचिस्तान में जारी पाकिस्तानी सरकारी और सेना के दमन की जानकारी दी गई। बीएनएम ने बताया कि बलूचिस्तान में लोगों का जबरन गायब होना, बिना कानूनी कार्यवाही के हत्याएं और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है।

प्रदर्शनकारियों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वह बलूचिस्तान में मानवाधिकार की बिगड़ती स्थिति की ओर ध्यान दें। बीएनएम के नीदरलैंड्स चैप्टर के अध्यक्ष मोहिम अब्दुल रहीम, जहरा बलूच, सैफ बलूच, महरा और जेय सिंध फ्रीडम मूवमेंट के सत्तार ने कहा कि बलूचिस्तान में दशकों से मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है।

स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए, रैली में शामिल लोगों ने कहा कि हजारों बलूच राजनीतिक कार्यकर्ता, छात्रों, शिक्षकों और आम नागरिकों को जबरन गायब किया गया है। उनके परिवार वर्षों से अपने प्रियजनों को खोजने और न्याय की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि बलूचिस्तान में अत्याचार अब केवल पुरुषों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि महिलाएं भी पाकिस्तानी सुरक्षाबलों का शिकार बन रही हैं। हाल ही में पूरे प्रांत में जबरन गायब किए गए लोगों के मामलों का उल्लेख किया गया, जिसमें मह जबीन बलूच, नसरीना और एक बहन-भाई शामिल हैं।

बीएनएम ने कहा, “लोगों ने बताया कि गायब हुए लोगों की माताओं और बहनों ने शाल, कराची और इस्लामाबाद में महीनों तक धरना दिया है। उन्होंने अपने प्रियजनों की तस्वीरें पकड़े हुए विभिन्न मौसमों का सामना किया, लेकिन उनका दर्द अनसुना रहा। इस बीच, जो लोग मानवाधिकार के उल्लंघन और जबरन गायब होने के खिलाफ आवाज उठाते हैं, उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाता है या गायब कर दिया जाता है। जैसे महरंग बलूच और बीवाईसी के सदस्यों को हिरासत में लिया गया है और उन पर झूठे आरोप लगाए गए हैं।”

लोगों ने अफसोस जताया कि बलूचिस्तान में बढ़ते अत्याचारों के बीच अंतरराष्ट्रीय समुदाय मूक दर्शक बना हुआ है। रैली में लोगों ने आरोप लगाया कि बलूचिस्तान को मानवाधिकार दिवस के वैश्विक एजेंडा से बाहर रखा गया है। उन्होंने ड्रोन हमलों, गांवों पर रेड और सैन्य कार्रवाई का भी उल्लेख किया। इससे लोग निराश हैं और कुछ लोग आत्महत्या कर रहे हैं। इसके बावजूद, संयुक्त राष्ट्र चुप है।”

एक एक्टिविस्ट ने जोर दिया, “बलूचिस्तान में मानवाधिकार संकट को नजरअंदाज करना मानवता के बुनियादी उसूलों का उल्लंघन है। अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और लोकतांत्रिक सरकारों की जिम्मेदारी है कि वे बलूचिस्तान के पीड़ितों की आवाज सुनें और न्याय की मांग को बनाए रखें।”

—राष्ट्र प्रेस

केके/एएस

Point of View

NationPress
13/12/2025

Frequently Asked Questions

बीएनएम कौन है?
बीएनएम, अर्थात बलूच नेशनल मूवमेंट, बलूचिस्तान के स्वतंत्रता के लिए काम करने वाला एक संगठन है।
यह रैली कब हुई?
यह रैली 13 दिसंबर को हेग, नीदरलैंड में आयोजित की गई।
इस रैली का उद्देश्य क्या था?
इसका उद्देश्य बलूचिस्तान में मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ जागरूकता फैलाना था।
क्या अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस पर प्रतिक्रिया दी है?
अभी तक अंतरराष्ट्रीय समुदाय की तरफ से कोई महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया नहीं आई है।
क्या बलूचिस्तान में मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है?
जी हां, बलूचिस्तान में मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन हो रहा है, जिसमें लोगों का जबरन गायब होना शामिल है।
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