क्या बोलीविया ने भारत को धन्यवाद ज्ञापित किया 3 लाख खसरा वैक्सीन की खुराक मिलने पर?

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क्या बोलीविया ने भारत को धन्यवाद ज्ञापित किया 3 लाख खसरा वैक्सीन की खुराक मिलने पर?

सारांश

बोलीविया ने भारत को 3 लाख खसरा और रूबेला वैक्सीन की खुराक भेजने के लिए धन्यवाद किया। राष्ट्रपति लुइस आर्से ने इस कदम को महत्वपूर्ण और समय पर सहायता का प्रतीक बताया। जानें इस सहयोग के पीछे की कहानी और इसके प्रभाव।

Key Takeaways

  • भारत ने बोलीविया को 3 लाख वैक्सीन भेजी।
  • बोलीविया के राष्ट्रपति ने एकजुटता का आभार व्यक्त किया।
  • यह सहायता सामूहिक टीकाकरण अभियान को मजबूत करेगी।
  • राष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति में मदद की गई।
  • भारत ने ग्लोबल साउथ के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई।

ला पाज, २२ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारत ने बोलीविया में बढ़ते स्वास्थ्य संकट के बीच ३ लाख खसरा और रूबेला वैक्सीन की खुराक भेजी। इस पर बोलीविया के राष्ट्रपति लुइस अल्बर्टो आर्से कैटाकोड़ा ने भारत सरकार का दिल से धन्यवाद किया है। मंगलवार को राष्ट्रपति लुइस ने इस कदम को एकजुटता और समय पर सहायता का प्रतीक बताया।

राष्ट्रपति लुइस अल्बर्टो आर्से कैटाकोड़ा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "बोलीविया की ओर से हम खसरे और रूबेला के खिलाफ एमआर टीके की ३ लाख खुराकें भेजने के लिए भारत की जनता और सरकार की एकजुटता के लिए तहे दिल से आभार व्यक्त करते हैं।"

उन्होंने कहा कि ये वैक्सीन १ से १४ वर्ष की आयु के बच्चों के लिए चल रहे बोलीविया के सामूहिक टीकाकरण अभियान को मजबूती देगी और चल रहे प्रकोप के बीच उन्हें सुरक्षित रखने में मदद करेगी।

बता दें कि बोलीविया ने २३ जून को खसरे के मामलों में अचानक वृद्धि के चलते राष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया था। इस मामले में भारत सरकार ने तुरंत सहायता प्रदान करते हुए एमआर वैक्सीन की खुराक के साथ जरूरी सहायक सामग्रियां भी भेजी।

सोमवार को एल ऑल्टो एयरपोर्ट पर एक औपचारिक हैंडओवर समारोह आयोजित किया गया, जहां भारत के राजदूत रोहित वधवाना ने वैक्सीन की खेप को बोलीविया की स्वास्थ्य मंत्री मारिया रेनी कास्त्रो कुसिकान्की और विदेश मंत्री सेलिंडा सोसा लुंडा को सौंपा।

ला पाज स्थित भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "यह वैक्सीन बोलीविया द्वारा घोषित राष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल से निपटने में मदद करेगी।"

विदेश मंत्री सोसा ने इसको "महत्वपूर्ण और समय पर मिली सहायता" बताया, जो आपातकाल घोषित होने के तुरंत बाद मिली और यह "बोलिवियाई जनता, विशेष रूप से बच्चों के प्रति भारत की एकजुटता" को दर्शाती है।

भारत से भेजी गई मदद को बोलीविया के विदेश मंत्री सोसा ने "महत्वपूर्ण और समय पर दिया गया सहयोग" बताया। बोलीविया के विदेश मंत्रालय के अनुसार, आपातकाल की घोषणा के तुरंत बाद राजनयिक चैनलों और अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों को सक्रिय कर दिया गया था। भारत ने सबसे पहले प्रतिक्रिया दी, जो ग्लोबल साउथ के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

विदेश मंत्री ने कहा, "सौभाग्य से हमें सकारात्मक और त्वरित प्रतिक्रियाएं मिलीं। हम विशेष रूप से भारत सरकार की ओर से तत्काल प्रतिक्रिया के लिए आभारी हैं, जो इस जीवन रक्षा की लड़ाई में हमारे बीच के मजबूत संबंधों को दर्शाती है।"

भारत के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करते हुए सोसा ने कहा कि यह महत्वपूर्ण दान न केवल सहयोग की ठोस कार्रवाई है, बल्कि लोगों के बीच भाईचारे का भी प्रतीक है।

उन्होंने आगे कहा, "ये आशा की वैक्सीन स्वास्थ्य और जीवन के लाभ के लिए मित्रता और सहयोग के ऐतिहासिक संबंधों को मजबूत करने की हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है।"

Point of View

बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे वैश्विक चुनौतियों का सामना एकजुटता से किया जा सकता है।
NationPress
23/07/2025

Frequently Asked Questions

भारत ने बोलीविया को कितनी खुराक भेजी?
भारत ने बोलीविया को 3 लाख खसरा और रूबेला वैक्सीन की खुराक भेजी।
इस सहायता पर बोलीविया के राष्ट्रपति का क्या कहना है?
बोलीविया के राष्ट्रपति लुइस अल्बर्टो आर्से ने इसे एकजुटता और समय पर सहायता का प्रतीक बताया।
बोलीविया ने कब स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया?
बोलीविया ने 23 जून को स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया था।
भारत की सहायता का क्या महत्व है?
भारत की सहायता बोलीविया के सामूहिक टीकाकरण अभियान को मजबूती देगी और बच्चों को सुरक्षित रखने में मदद करेगी।
यह सहयोग किस प्रकार की मित्रता को दर्शाता है?
यह सहयोग भारत और बोलीविया के बीच स्वास्थ्य और मानवता के क्षेत्र में भाईचारे को दर्शाता है।