क्या आयुर्वेद के शाश्वत ज्ञान की जरूरत है दुनिया को? ब्राजीलियाई उपराष्ट्रपति से जानिए

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क्या आयुर्वेद के शाश्वत ज्ञान की जरूरत है दुनिया को? ब्राजीलियाई उपराष्ट्रपति से जानिए

सारांश

ब्राजील के उपराष्ट्रपति गेराल्डो अल्कमिन ने भारत दौरे के दौरान कहा कि दुनिया को निवारक स्वास्थ्य सेवा के लिए आयुर्वेद के ज्ञान की बेहद आवश्यकता है। जानें उन्होंने किस प्रकार भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से बातचीत की और आयुर्वेद की वैश्विक प्रासंगिकता पर क्या कहा।

Key Takeaways

  • आयुर्वेद का ज्ञान 5000 साल पुराना है।
  • ब्राजील के उपराष्ट्रपति ने आयुर्वेद की वैश्विक प्रासंगिकता को स्वीकार किया।
  • निवारक स्वास्थ्य सेवा के लिए आयुर्वेद की आवश्यकता है।
  • भारत और ब्राजील के बीच स्वास्थ्य सेवा में सहयोग को बढ़ावा दिया गया।
  • उपराष्ट्रपति के साथ एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल था।

नई दिल्ली, 17 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। ब्राजील के उपराष्ट्रपति गेराल्डो अल्कमिन ने कहा कि दुनिया को निवारक और टिकाऊ स्वास्थ्य सेवा के लिए आयुर्वेद के कालातीत ज्ञान की आवश्यकता है। उन्होंने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी मुलाकात की।

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक्स पर मुलाकात की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, "ब्राजील के उपराष्ट्रपति और विकास, उद्योग, व्यापार एवं सेवा मंत्री से मिलकर मुझे बहुत खुशी हुई। व्यापार, निवेश, ऊर्जा, संपर्क, स्वास्थ्य और प्रौद्योगिकी में सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा की गई।"

अल्कमिन, जो भारत के आधिकारिक दौरे पर हैं, ने आयुष मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए), नई दिल्ली का दौरा किया। उन्होंने भारत के पारंपरिक और एकीकृत स्वास्थ्य प्रणालियों को बढ़ावा देने में नेतृत्व की सराहना की।

उन्होंने कहा, "आयुर्वेद स्वास्थ्य और ज्ञान का 5,000 साल पुराना खजाना है।" इसके साथ ही उन्होंने एआईआईए को "स्वास्थ्य को बढ़ावा देने, रोगों के उपचार और समग्र दृष्टिकोण के माध्यम से शिक्षा और अनुसंधान को आगे बढ़ाने" के लिए बधाई दी। उन्होंने जोर देकर कहा कि निवारक और स्थायी स्वास्थ्य सेवा के लिए दुनिया को आयुर्वेद के शाश्वत ज्ञान की आवश्यकता है।

ब्राजील के विकास, उद्योग, व्यापार और सेवा मंत्री ने आयुर्वेद की वैश्विक प्रासंगिकता को स्वीकार किया और अपनी पीठ दर्द के लिए आयुर्वेदिक उपचार लेने की इच्छा व्यक्त की।

उन्होंने कहा, "जीवन प्रत्याशा बढ़ रही है, और आयुर्वेद जैसी प्राकृतिक एवं निवारक स्वास्थ्य प्रणालियों की मांग भी बढ़ रही है। अगर यह एक छोटी सी यात्रा न होती, तो मैं निश्चित रूप से अपने पीठ दर्द का इलाज एआईआईए में करवाता।"

इस दौरान उपराष्ट्रपति अल्कमिन के साथ उनकी पत्नी मारिया लूसिया अल्कमिन और 14 अधिकारियों का एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी था। इस प्रतिनिधिमंडल में भारत में ब्राजील के राजदूत केनेथ नोब्रेगा और ब्राजीलियाई स्वास्थ्य नियामक एजेंसी के निदेशक रोमिसन रोड्रिग्स सहित अन्य वरिष्ठ प्रतिनिधि शामिल थे।

उपराष्ट्रपति और उनके प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए, आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने पारंपरिक चिकित्सा, एकीकृत स्वास्थ्य अनुसंधान और कल्याण उद्योगों के क्षेत्र में भारत और ब्राजील के बीच अधिक सहयोग का आग्रह किया।

उपराष्ट्रपति और उनके प्रतिनिधिमंडल को आयुर्वेद शिक्षा, नैदानिक सेवाओं और उन्नत अनुसंधान में एआईआईए के अग्रणी योगदान की भी जानकारी दी गई।

Point of View

बल्कि यह आयुर्वेद के महत्व को भी दर्शाती है। दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
NationPress
17/10/2025

Frequently Asked Questions

ब्राजील के उपराष्ट्रपति ने आयुर्वेद के बारे में क्या कहा?
उपराष्ट्रपति गेराल्डो अल्कमिन ने कहा कि दुनिया को निवारक और टिकाऊ स्वास्थ्य सेवा के लिए आयुर्वेद के कालातीत ज्ञान की आवश्यकता है।
एस जयशंकर ने किस बात पर चर्चा की?
उन्होंने व्यापार, निवेश, ऊर्जा, संपर्क, स्वास्थ्य और प्रौद्योगिकी में सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा की।
आयुष मंत्रालय के सचिव ने क्या कहा?
उन्होंने भारत और ब्राजील के बीच पारंपरिक चिकित्सा और कल्याण उद्योगों में सहयोग का आग्रह किया।