क्या सीजीटीएन सर्वे एशिया-प्रशांत क्षेत्र को वैश्विक वृद्धि का प्रमुख इंजन बताता है?
सारांश
Key Takeaways
- एशिया-प्रशांत क्षेत्र वैश्विक आर्थिक वृद्धि का प्रमुख इंजन है।
- सीजीटीएन ने एपेक की 15 सदस्य अर्थव्यवस्थाओं के बीच सर्वेक्षण किया।
- 87 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने विज्ञान और तकनीक में सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता जताई।
- 84.6 प्रतिशत प्रतिभागियों ने खुली अर्थव्यवस्था के निर्माण पर जोर दिया।
- चीन की भूमिका को लेकर गहरी उम्मीद जताई गई है।
बीजिंग, 30 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। एपेक नेताओं के 32वें अनौपचारिक सम्मेलन से पहले, चाइना मीडिया ग्रुप (सीएमजी) के अधीनस्थ सीजीटीएन ने एपेक की 15 सदस्य आर्थिक शक्तियों के इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के बीच एक सर्वेक्षण किया।
उत्तरदाताओं ने सदस्य अर्थव्यवस्थाओं के उच्च गुणवत्ता वाले विकास में एपेक की भूमिका का सकारात्मक मूल्यांकन किया और समावेशी आर्थिक वैश्वीकरण तथा एशिया-प्रशांत एकीकरण को बढ़ावा देने में चीन के विचारों और योगदान की सराहना की।
सर्वेक्षण के अनुसार, 83.3 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने माना कि एपेक एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सबसे उच्च स्तर, सबसे व्यापक दायरे और सबसे अधिक प्रभाव वाली आर्थिक सहयोग व्यवस्था है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की हाल की वैश्विक आर्थिक पूर्वानुमान रिपोर्ट में भी कहा गया है कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र अब भी विश्व वृद्धि का प्रमुख इंजन बना हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस वर्ष और अगले वर्ष एशिया-प्रशांत क्षेत्र वैश्विक आर्थिक वृद्धि में लगभग 60 प्रतिशत का योगदान देगा।
सर्वे में शामिल 87 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि क्षेत्र के देशों को विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में अधिक सक्रियता से आदान-प्रदान और सहयोग बढ़ाना चाहिए। वहीं, 84.6 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कहा कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देशों को बहुपक्षवाद और आर्थिक वैश्वीकरण की भावना पर कायम रहते हुए, मिलकर एक खुली अर्थव्यवस्था और क्षेत्रीय सहयोग के सशक्त ढांचे का निर्माण करना चाहिए।
एशिया-प्रशांत क्षेत्र की प्रमुख आर्थिक शक्ति के रूप में चीन ने हमेशा एपेक सहयोग में सक्रिय भागीदारी निभाई है। अधिकांश उत्तरदाताओं ने एपेक के उच्च गुणवत्ता वाले विकास को आगे बढ़ाने में चीन की भूमिका को लेकर गहरी उम्मीद जताई।
गौरतलब है कि सीजीटीएन के इस ऑनलाइन सर्वेक्षण में एपेक की 15 सदस्य अर्थव्यवस्थाओं के 4,048 नागरिकों ने भाग लिया। सभी उत्तरदाता आम नागरिक थे, जिनकी आयु 18 से 65 वर्ष के बीच थी। यह नमूना विभिन्न देशों की जनगणना में दर्ज आयु और लिंग अनुपात के अनुरूप तैयार किया गया था।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)