क्या केरल में निकाय चुनाव से पहले कल्याण योजनाओं की घोषणा पर विपक्ष का हमला सही है?

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क्या केरल में निकाय चुनाव से पहले कल्याण योजनाओं की घोषणा पर विपक्ष का हमला सही है?

सारांश

क्या केरल में आगामी निकाय चुनाव से पहले की गई कल्याण योजनाओं की घोषणा केवल एक राजनीतिक चाल है? विपक्ष ने आरोप लगाया है कि सरकार के पास बकाया धन के बावजूद ये योजनाएं सिर्फ दिखावा हैं।

Key Takeaways

  • एलडीएफ सरकार ने कल्याणकारी योजनाएं घोषित की हैं।
  • विपक्ष ने इसे चुनावी चाल बताया है।
  • कर्मचारियों का १ लाख करोड़ रुपए बकाया है।
  • महंगाई और बकाए का मुद्दा उठाया गया है।
  • सरकार की निष्क्रियता पर सवाल उठाए गए हैं।

परवूर (एर्नाकुलम), 30 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केरल में स्थानीय निकाय चुनावों के ठीक पहले, सत्तारूढ़ एलडीएफ सरकार ने प्रमुख कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा की है, जिस पर विपक्ष ने तीखा आरोप लगाया है। यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के नेता और विपक्ष के नेता वी.डी. सतीशन ने कहा कि ये घोषणाएं सरकार की नाकामी को छिपाने का एक प्रयास मात्र हैं।

सतीशन ने आरोप लगाया कि कर्मचारियों, शिक्षकों और पेंशनभोगियों का लगभग १ लाख करोड़ रुपए बकाया है, लेकिन नई योजनाओं की घोषणा कर दी गई है।

उन्होंने परवूर में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एलडीएफ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "यह पहली बार है जब केरल के इतिहास में इतना बड़ा बकाया जमा हुआ है। 2021 के चुनावी घोषणापत्र में एलडीएफ ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन को 1,600 से बढ़ाकर 2,500 रुपए करने का वादा किया था, लेकिन चार साल बाद केवल 400 रुपए की वृद्धि का आइडिया पेश किया गया।"

उन्होंने कल्याण निधि में 2,500 करोड़ रुपये के बकाए का भी जिक्र किया, जो अब तक नहीं दिए गए हैं। भवन निर्माण श्रमिकों की कल्याणकारी पेंशन 18-19 महीनों से लंबित है, जो राज्य में पहली बार हो रहा है। आंगनबाड़ी शिक्षकों की पेंशन भी अटकी हुई है। सतीशन ने करुणा निधि योजना के तहत अस्पतालों को 1,800 करोड़ रुपए देने के बकाए का भी उल्लेख किया।

उन्होंने कहा, "अब तो नौबत यहां तक आ गई है कि अस्पतालों से शल्य चिकित्सा उपकरण छीन लिए गए हैं। दवाइयां वितरित नहीं हो रही हैं। यह लोगों का मजाक उड़ाने जैसा है।"

महंगाई भत्ता (डीए) पर भी सतीशन ने तंज करते हुए कहा कि सरकारी कर्मचारियों, शिक्षकों और पेंशनभोगियों का छह मासिक डीए बकाया है। उन्होंने कहा कि केरल के इतिहास में कभी इतना लंबा बकाया नहीं देखा गया। ऊपर से केरल में देश में सबसे ज्यादा मुद्रास्फीति दर है, जो आम आदमी को और परेशान कर रही है।"

सतीशन ने एलडीएफ पर 2021 के वादों को पूरा न करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार मेगा इवेंट्स पर करोड़ों खर्च कर रही है, लेकिन कल्याणकारी योजनाओं को नजरअंदाज कर दिया है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि राजनीतिक खेलों में कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा का उद्देश्य जनता का ध्यान बंटाना हो सकता है। सरकार को अपने वादों को पूरा करने का प्रयास करना चाहिए।
NationPress
30/10/2025

Frequently Asked Questions

केरल में कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा का क्या मतलब है?
यह चुनावी समय में सरकार की योजनाओं को दर्शाता है, लेकिन विपक्ष का कहना है कि यह केवल दिखावा है।
क्या विपक्ष का आरोप सही है?
विपक्ष का आरोप है कि सरकार के पास बकाया धन है, और नई योजनाएं सिर्फ चुनावी लाभ के लिए हैं।