क्या महाराष्ट्र सरकार ने किसानों की कर्जमाफी के लिए उच्चाधिकार समिति का गठन किया?

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क्या महाराष्ट्र सरकार ने किसानों की कर्जमाफी के लिए उच्चाधिकार समिति का गठन किया?

सारांश

महाराष्ट्र सरकार ने किसानों की कर्जमाफी को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। उच्चाधिकार समिति का गठन किया गया है जो किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए सिफारिशें तैयार करेगी। जानिए इस समिति का उद्देश्य और किसानों के आंदोलन के पीछे की कहानी।

Key Takeaways

  • महाराष्ट्र सरकार ने किसानों की कर्जमाफी के लिए उच्चाधिकार समिति का गठन किया है।
  • समिति में 9 सदस्य होंगे, जिनमें विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव शामिल हैं।
  • समिति को 6 महीने में रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है।
  • किसानों का आंदोलन सरकार के वादों को पूरा न करने के खिलाफ है।
  • किसानों की प्रमुख मांगों में कर्जमाफी और एमएसपी की गारंटी शामिल है।

मुंबई, 30 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए कर्जमाफी के संबंध में उच्चाधिकार समिति गठित करने का निर्णय लिया है।

यह निर्णय किसान नेता और विधायक बच्चू कडू के हालिया आंदोलन के बाद किया गया है। इस आंदोलन के चलते सरकार को किसानों की समस्याओं को गंभीरता से लेने की आवश्यकता महसूस हुई।

सरकार द्वारा जारी आदेश के अनुसार, इस उच्चाधिकार समिति के अध्यक्ष मुख्यमंत्री के प्रमुख आर्थिक सलाहकार और मित्रा समूह के सीईओ प्रवीण परदेशी होंगे। इसके अलावा, समिति में कुल 9 सदस्य होंगे, जिनमें महसूल, वित्त, कृषि, सहकार और विपणन विभागों के अपर मुख्य सचिव, साथ ही महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र के प्रतिनिधि शामिल होंगे।

सरकार ने समिति को 6 महीनों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। यह समिति किसानों की कर्जमुक्ति के लिए अल्पकालीन और दीर्घकालीन सिफारिशें तैयार करेगी।

यह ध्यान देने योग्य है कि महाराष्ट्र के कई जिलों में किसान सड़क पर उतर आए हैं और ट्रैक्टर मार्च के माध्यम से सरकार के खिलाफ विरोध कर रहे हैं। इस आंदोलन का नेतृत्व बच्चू कडू कर रहे हैं। उनके नेतृत्व में शुरू हुआ यह मार्च अब पूरे राज्य में फैल चुका है। आंदोलन कर रहे किसानों की प्रमुख मांग में एमएसपी की गारंटी और कर्जमाफी शामिल है।

किसानों के इस आंदोलन में बच्चू कडू ने मुखरता से अपनी बात रखी है। कडू का कहना है कि प्रदेश सरकार ने किसानों से कई वादे किए हैं, लेकिन उन्हें कभी पूरा नहीं किया गया। उनके अनुसार, किसानों की प्रमुख मांग पूर्ण कर्जमाफी, एमएसपी की कानूनी गारंटी, सोयाबीन की खरीद एनएएफईडी से कराना और भावांतर योजना को लागू करना है।

Point of View

बल्कि यह किसानों और सरकार के बीच एक संवाद स्थापित करने का माध्यम भी है। यदि यह समिति सही तरीके से काम करती है, तो यह किसानों के लिए एक नई दिशा दे सकती है।
NationPress
22/12/2025

Frequently Asked Questions

उच्चाधिकार समिति का गठन किस उद्देश्य से किया गया है?
उच्चाधिकार समिति का गठन किसानों की कर्जमुक्ति और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए किया गया है।
किसान नेता बच्चू कडू का आंदोलन क्यों हुआ?
किसान नेता बच्चू कडू का आंदोलन सरकार द्वारा किए गए वादों को पूरा न करने के खिलाफ था।
समिति की रिपोर्ट कब सौंपनी है?
सरकार ने समिति को 6 महीनों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
समिति में कौन-कौन सदस्य होंगे?
समिति में महसूल, वित्त, कृषि, सहकार और विपणन विभागों के अपर मुख्य सचिव सहित अन्य सदस्य होंगे।
किसानों की प्रमुख मांगें क्या हैं?
किसानों की प्रमुख मांगों में कर्जमाफी, एमएसपी की कानूनी गारंटी और भावांतर योजना का कार्यान्वयन शामिल है।
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