क्या 'वैश्विक दक्षिण' देशों की भागीदारी वैश्विक शासन में बढ़ी है?
सारांश
Key Takeaways
- ‘वैश्विक दक्षिण’ देशों की भागीदारी वैश्विक शासन में बढ़ रही है।
- सर्वेक्षण में भागीदारी करने वाले अधिकांश लोग सुधार की आवश्यकता महसूस कर रहे हैं।
- चीन की पहलों को स्वीकार्यता प्राप्त हो रही है।
- विकसित देशों को अपनी जिम्मेदारियों का ध्यान रखना चाहिए।
- सभी देशों को समान स्तर पर अंतरराष्ट्रीय मामलों में भाग लेना चाहिए।
बीजिंग, 5 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। ‘वैश्विक दक्षिण’ देशों के उभार के कारण, कई विकासशील देश अब वैश्विक शासन प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। चाइना मीडिया ग्रुप (सीएमजी) के अंतर्गत सीजीटीएन ने हाल ही में 47 देशों के 9,182 नेटिजनों के बीच एक सर्वेक्षण किया।
इस सर्वेक्षण में ‘वैश्विक दक्षिण’ देशों के उत्तरदाताओं ने वर्तमान वैश्विक शासन प्रणाली में सुधार की अपील की और चीन द्वारा प्रस्तुत वैश्विक शासन पहलों की सराहना की।
उत्तरदाताओं ने गरीबी और असमानता, अनाज की सुरक्षा, और क्षेत्रीय सुरक्षा एवं आतंकवाद पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है, जिनका अनुपात क्रमशः 74 प्रतिशत, 70.9 प्रतिशत, और 63.6 प्रतिशत है।
लगभग 73.2 प्रतिशत उत्तरदाता मानते हैं कि विकसित देशों ने अंतर्राष्ट्रीय मामलों में अपनी जिम्मेदारियों को ठीक से नहीं निभाया है।
इसके अलावा, 81.9 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने संयुक्त राष्ट्र से ‘वैश्विक दक्षिण’ देशों के हितों और आवश्यकताओं पर अधिक ध्यान देने की मांग की।
चीन, जो सबसे बड़ा विकासशील देश है और ‘वैश्विक दक्षिण’ देशों का एक महत्वपूर्ण सदस्य है, हमेशा अंतर्राष्ट्रीय मामलों में ‘वैश्विक दक्षिण’ देशों के बोलने के अधिकार और प्रतिनिधित्व को बढ़ाने के लिए तत्पर है। इस वर्ष सितंबर में, चीन ने वैश्विक शासन की एक नई पहल प्रस्तुत की, जो ‘वैश्विक दक्षिण’ देशों के उत्तरदाताओं द्वारा व्यापक रूप से स्वीकार की गई।
लगभग 92.9 प्रतिशत उत्तरदाता सहमत हैं कि सभी देशों को अंतरराष्ट्रीय मामलों में समान स्तर पर भाग लेना चाहिए। 78.8 प्रतिशत ने कहा कि हमें संयुक्त राष्ट्र पर केंद्रित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की रक्षा करनी चाहिए।
इसके अलावा, 86.6 प्रतिशत ने कहा कि विकास, विकासशील देशों की प्राथमिकता होनी चाहिए। जबकि 91.5 प्रतिशत ने सहमति व्यक्त की कि सभी देशों को व्यावहारिक सहयोग को बढ़ावा देकर एक साथ वैश्विक विकास को आगे बढ़ाना चाहिए।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)