चीन और फिलीपींस के बीच क्यों मचा है घमासान? जानें विवाद की पूरी कहानी!
सारांश
Key Takeaways
- चीन और फिलीपींस के बीच विवादित जलमार्ग
- फिलीपींस के मछुआरे घायल हुए
- दक्षिण चीन सागर का महत्व
- अंतर्राष्ट्रीय कानून और विशेष आर्थिक क्षेत्र
- संभावित भविष्य के तनाव
नई दिल्ली, 13 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। चीन और फिलीपींस के मध्य दक्षिण चीन सागर के द्वीपों और समुद्री क्षेत्रों को लेकर विवाद गहरा गया है। शनिवार को दोनों देशों के बीच फिर से एक बार घमासान देखने को मिला। फिलीपींस के अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि दक्षिण चीन सागर के एक विवादित क्षेत्र में चीन के कोस्ट गार्ड के जहाजों ने उनके मछली पकड़ने वाली नावों पर कार्रवाई की। इस टकराव के परिणामस्वरूप, फिलीपींस के तीन मछुआरे घायल हो गए।
फिलीपींस के अधिकारियों के अनुसार, यह घटना सबीना शोल के निकट हुई, जो पलावन द्वीप से लगभग 150 किलोमीटर (93 मील) की दूरी पर स्थित है। दूसरी ओर, बीजिंग ने शुक्रवार को यह कहा कि उसने इस क्षेत्र में लगभग 20 फिलीपींस की मछली पकड़ने वाली नावों पर नियंत्रण के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं।
इस विवादित जलमार्ग पर चीन अपने दावे को लेकर अडिग है। वहीँ, फिलीपींस अंतर्राष्ट्रीय कानून और अपने विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) के अंतर्गत इस क्षेत्र पर अपना अधिकार मानता है। हाल में हुए सैन्य सहयोग के कारण दोनों देशों के बीच तनाव और भी बढ़ गया है।
हालांकि, चीन का यह पुराना इतिहास है कि वह इस तरह के दावे करता रहता है। जिस क्षेत्र को लेकर यह विवाद हो रहा है, वह प्राकृतिक गैस और तेल से समृद्ध है। स्कारबोरो शोल के आसपास अक्सर चीन और फिलीपींस की नौसेनाओं के बीच टकराव की घटनाएँ होती हैं।
दक्षिण सागर को लेकर, एक ओर चीन आक्रामकता दिखा रहा है, वहीं फिलीपींस भी उसके खिलाफ ठोस जवाब दे रहा है। चीन को अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों का समर्थन प्राप्त है। अंतर्राष्ट्रीय निर्णयों में भी कहा गया है कि चीन के दावे का कोई कानूनी आधार नहीं है।
अक्टूबर में, फिलीपींस ने आरोप लगाया था कि चीनी जहाज ने स्प्रैटली आइलैंड्स में जानबूझकर उनके सरकारी जहाज को टक्कर मारी थी। हालांकि, चीन ने इस आरोप का खंडन किया और मनीला को दोषी ठहराया।