क्या चीन में गांव और विकास की नई तस्वीर उभर रही है?

सारांश
Key Takeaways
- किसानों का फसल उत्सव आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देता है।
- 2025 में यह उत्सव चीन की 14वीं पंचवर्षीय योजना का अंतिम वर्ष था।
- ग्रामीण विकास के लिए नई नीतियाँ और तकनीकी नवाचार प्रस्तुत किए गए।
- शहरों और गांवों के बीच बाजार की खाई को पाटने का प्रयास।
- सांस्कृतिक गतिविधियाँ किसानों की सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करती हैं।
बीजिंग, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। हर साल चीन में किसानों का फसल उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। वर्ष 2025 में यह उत्सव 23 सितंबर को आयोजित हुआ। यह दिन न केवल किसानों की मेहनत और उनकी फसल की खुशियों का जश्न है, बल्कि चीन की ग्रामीण अर्थव्यवस्था और कृषि सुधारों को प्रदर्शित करने का भी अवसर है।
इस वर्ष का फसल उत्सव विशेष महत्व रखता था, क्योंकि 2025 चीन की 14वीं पंचवर्षीय योजना का अंतिम वर्ष है। यह वह वर्ष है जब चीन गरीबी उन्मूलन की ऐतिहासिक उपलब्धियों को मजबूती देने और उन्हें ग्रामीण पुनरुद्धार से जोड़ने की पांच वर्षीय संक्रमण अवधि को पूरा कर रहा है। इसलिए, इस बार के उत्सव को सिर्फ परंपरा और जश्न तक सीमित नहीं रखा गया, बल्कि यह चीन की विकास यात्रा और किसानों की ताकत को प्रदर्शित करने का प्रमुख मंच बन गया।
फसल उत्सव का मुख्य उद्देश्य किसानों के आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है। पिछले दशकों में, चीन ने करोड़ों लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है, जिसमें किसानों की मेहनत की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इस उत्सव के माध्यम से सरकार और समाज मिलकर किसानों को सम्मान देते हैं और उनके योगदान को मान्यता प्रदान करते हैं।
2025 का उत्सव खास इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें पिछले पांच वर्षों में कृषि और ग्रामीण विकास से जुड़ी उपलब्धियों को प्रदर्शित किया गया। बेहतर सिंचाई प्रणाली, आधुनिक खेती के तरीके, तकनीकी नवाचार और ग्रामीण इलाकों में बुनियादी ढांचे जैसे सड़क, बिजली और इंटरनेट के विस्तार को उजागर किया गया। यह चीन की उस नीति का हिस्सा है, जिसमें गांवों को केवल खेती तक सीमित न रखकर उन्हें नए अवसरों और रोजगार के केंद्र में बदलने की कोशिश की जा रही है।
इस उत्सव का एक और प्रमुख लक्ष्य शहरों और गांवों के बीच उपभोग और बाजार की खाई को पाटना है। त्योहार के दौरान कृषि उत्पादों की प्रदर्शनियां, मेले और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। इससे न केवल किसानों को अपनी उपज बेचने का बड़ा मंच मिलता है, बल्कि शहरी उपभोक्ताओं को भी ताजे और विविध उत्पादों तक पहुँच मिलती है। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नई जान आती है और किसानों की आय बढ़ती है।
चीन इस उत्सव को केवल आर्थिक दृष्टि से नहीं देखता, बल्कि यह उसकी सांस्कृतिक पहचान का भी हिस्सा है। नृत्य, लोकगीत, पारंपरिक खेल और स्थानीय व्यंजन इस दिन को खास बनाते हैं। इससे किसानों का आत्मबल और गर्व बढ़ता है और यह संदेश जाता है कि किसान ही देश की असली रीढ़ हैं।
2025 में किसानों का फसल उत्सव चीन के लिए विशेष महत्व रखता है। यह किसानों की मेहनत का सम्मान है, गरीबी उन्मूलन से लेकर ग्रामीण पुनरुद्धार तक की यात्रा का जश्न है और कृषि सुधारों की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने का मंच है। साथ ही, यह त्योहार शहर और गांव को जोड़ने वाला पुल भी है, जो चीन की अर्थव्यवस्था को और मजबूत बनाता है। यह कहना गलत नहीं होगा कि 23 सितंबर 2025 को मनाया गया यह उत्सव केवल चीन के किसानों का त्योहार नहीं था, बल्कि पूरी दुनिया को यह संदेश था कि कृषि और ग्रामीण विकास किसी भी देश की असली ताकत होते हैं।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
(लेखक- डी के)