क्या जापान के वर्ष 2025 रक्षा श्वेत पत्र पर चीन की प्रतिक्रिया महत्वपूर्ण है?

सारांश
Key Takeaways
- चीन ने जापान के श्वेत पत्र पर कड़ा विरोध दर्ज कराया है।
- जापान के सैन्य नियंत्रण में ढील के प्रयास पर चीन की चिंता।
- इतिहास से सबक लेकर जापान से अपेक्षाएँ।
- चीन-जापान संबंधों का स्वास्थ्य और स्थिरता।
- थाइवान की वापसी की 80वीं वर्षगांठ का महत्व।
बीजिंग, 16 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। चीनी सेना के प्रवक्ता च्यांग पिन ने जापान सरकार द्वारा प्रकाशित वर्ष 2025 के रक्षा श्वेत पत्र पर पत्रकारों के सवालों का जवाब दिया।
इस दौरान, च्यांग पिन ने कहा कि जापान अपने सैन्य नियंत्रण को ढीला करने के लिए झूठी कहानी गढ़ रहा है। जापान ने चीन से संबंधित खतरों को बढ़ा-चढ़ाकर प्रस्तुत किया और चीन के आंतरिक मामलों में अत्यधिक हस्तक्षेप किया। चीन इस पर असंतोष प्रकट करते हुए इसका कड़ा विरोध करता है और इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया है।
च्यांग पिन ने बताया कि इस वर्ष चीन के जापानी आक्रमण विरोधी युद्ध और वैश्विक फासीवाद विरोधी युद्ध की विजय की 80वीं वर्षगांठ भी है, तथा थाइवान की जापान के आधिपत्य से चीन में वापसी की 80वीं वर्षगांठ भी है।
वर्ष 1945 में थाइवान की चीन में वापसी द्वितीय विश्व युद्ध की जीत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। चीन जापान से आग्रह करता है कि वह इतिहास से सबक लेकर चीन पर आरोप लगाना बंद करे। जापान को चार राजनीतिक दस्तावेजों के सिद्धांतों और थाइवान मुद्दे पर अपने वचनों का पालन करना चाहिए ताकि चीन-जापान संबंधों का स्वस्थ और सतत विकास किया जा सके।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)